Move to Jagran APP

पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के खिलाफ जांच एजेंसियां हुई सक्रिय, गृहमंत्रालय लगा सकता है प्रतिबंध

गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि झारखंड सरकार पहले ही पीएफआइ पर प्रतिबंध लगा चुकी है। वहीं उत्तरप्रदेश सरकार ने इसकी अनुसंशा की है।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Wed, 01 Jan 2020 08:23 PM (IST)Updated: Wed, 01 Jan 2020 08:45 PM (IST)
पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के खिलाफ जांच एजेंसियां हुई सक्रिय, गृहमंत्रालय लगा सकता है प्रतिबंध
पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के खिलाफ जांच एजेंसियां हुई सक्रिय, गृहमंत्रालय लगा सकता है प्रतिबंध

नीलू रंजन, नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ उत्तरप्रदेश समेत कई राज्यों में विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा के पीछे पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) का हाथ होने के सबूत मिलने के बाद केंद्रीय एजेंसियां सक्रिय हो गई है। यही नहीं, उत्तरप्रदेश की ओर से पीएफआइ प्रतिबंध लगाने की सिफारिश पर गृहमंत्रालय ने गंभीरता से विचार शुरू कर दिया है। वहीं पीएफआइ के खिलाफ पहले से चली आ रही मनी लांड्रिंग की जांच को प्रवर्तन निदेशालय ने तेज कर दिया है और आयकर विभाग भी उसके खातों की पड़ताल में जुट गया है।

loksabha election banner

गृह मंत्रालय के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार पीएफआइ की गतिविधियों पर विभिन्न रिपोर्टो में इसके अतिवादी हिंसक गतिविधियों में शामिल होने की पुष्टि हुई है। यही नहीं, केरल में रामालिंगम हत्याकांड की जांच के बाद दाखिल आरोपपत्र में एनआइए पीएफआइ पर आंतकवादी गतिविधियों में शामिल होने का दावा किया था। एनआइए के अनुसार 2013 में कन्नूर में पीएफआइ और एसडीएफआइ (सोशलिस्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ इंडिया) ने युवाओं को आतंकी ट्रेनिंग देने के लिए कैंप लगाया था। केरल की स्थानीय अदालत ने एनआइए के आरोपों सही बताते हुए 22 आरोपियों में 21 को सजा भी सुनाई थी।

ईडी ने कर दी जांच तेज

इसी मामले 2018 में ईडी ने मनी लांड्रिंग का केस दर्ज कर पीएफआइ को मिलने वाली फंडिंग की जांच शुरू की थी। सीएए के खिलाफ हिंसक विरोध प्रदर्शनों में पीएफआइ का हाथ सामने के बाद ईडी ने अपनी जांच तेज कर दी है और सभी बैंकों से पीएफआइ के खातों की विस्तृत जानकारी देने को कहा गया। इसी तरह आयकर विभाग ने भी पीएफआइ की फंडिंग के स्त्रोतों को खगालना शुरू कर दिया है।

विदेशों से भी पैसा आने का शक

एजेंसियों का अनुमान है कि पीएफआइ और उसके आनुषंगिक संगठनों से जुड़े खाते में 100 करोड़ रुपये से अधिक जमा हो सकते हैं। अकेले पीएफआई के देशभर में लगभग तीन दर्जन बैंक खाते बताए जा रहे हैं। यह भी बताया जा रहा है कि इन बैंकों में 20 हजार से लेकर एक लाख तक की नगदी भारी पैमाने पर जमा कराई गई है। इसके साथ ही विदेशों से भी पैसे आने का शक है । आयकर विभाग अब उन व्यक्तियों का पता लगाने की कोशिश कर रही है, जिन्होंनने नकदी के तौर पीएफआइ के बैंक एकाउंट में पैसे जमा कराये थे।

गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि झारखंड सरकार पहले ही पीएफआइ पर प्रतिबंध लगा चुकी है। वहीं उत्तरप्रदेश सरकार ने इसकी अनुसंशा की है। जबकि असम और दिल्ली में हुई हिंसा में भी पीएफआइ का नाम साफ तौर पर सामने आया है। पीएफआइ के बारे में एजेंसियों से और भी इनपुट जुटाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सारे तथ्यों पर समग्रता में विचार करने के बाद इस पर जल्द ही फैसला लिया जा सकता है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.