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Budget 2019: चुनावी साल में मोदी सरकार का लोकलुभावन बजट, जानिए राजनीतिक मायने

यह सिर्फ अंतरिम बजट नहीं, देश के विकास यात्रा का माध्यम है। जब पीयूष गोयल ने ये वाक्‍य कहा, उससे जाहिर हो गया कि बजट लोकसभा चुनाव को ही ध्‍यान में रखकर पेश किया गया है।

By Tilak RajEdited By: Published: Fri, 01 Feb 2019 02:56 PM (IST)Updated: Fri, 01 Feb 2019 02:56 PM (IST)
Budget 2019: चुनावी साल में मोदी सरकार का लोकलुभावन बजट, जानिए राजनीतिक मायने
Budget 2019: चुनावी साल में मोदी सरकार का लोकलुभावन बजट, जानिए राजनीतिक मायने

नई दिल्‍ली, जेएनएन। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले पेश किए गए मोदी सरकार के अंतिम बजट में किसानों, गरीबों, वेतनभोगियों, करदाताओं समेत सभी वर्गों का ख्‍याल रखा गया है। अगर इसे लोकलुभावन बजट कहा जाए, तो गलत नहीं होगा। छोटे किसानों के खाते में सीधे 6 हज़ार रुपये, आयकर में छूट की सीमा बढ़ाकर 5 लाख रुपये और राष्ट्रीय कामधेनु योजना बजट के दौरान दिए गए कुछ ऐसे लाभ हैं, जिनका अगामी लोकसभा चुनाव में मोदी सरकार को राजनीतिक लाभ मिलना निश्चित है। ऐसे में किसानों और गरीबों के मुद्दे पर मोदी सरकार को घेरने वाले विपक्ष को नए सिरे से रणनीति बनानी होगी। कांग्रेस ने इस अंतरिम बजट को भाजपा को घोषणा पत्र कहा है। मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि एनडीए सरकार ने बजट नहीं, लोकसभा चुनाव से पहले घोषणा पत्र पेश किया है।

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आयकर में बड़ी छूट, मोदी सरकार का बड़ा दांव

'यह सिर्फ अंतरिम बजट नहीं, देश के विकास यात्रा का माध्यम है, ये जो देश बदल रहा है इसका श्रेय देशवासियों को जाता है।' बजट पेश करने के दौरान जब वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने ये वाक्‍य कहा, उससे जाहिर हो गया कि अंतरिम बजट अगामी लोकसभा चुनाव को ही ध्‍यान में रखकर पेश किया गया है। दरअसल, बजट से पहले ये उम्‍मीद जताई जा रही थी कि सरकार इस बार आयकर में छूट देगी। ऐसी भी खबरें आईं कि 5 लाख तक की आय को कर में छूट मिल सकती है। लेकिन किसी को पूर्ण विश्‍वास नहीं था कि मध्‍यमवर्ग को मोदी सरकार इतनी बड़ी राहत दे सकती है। बजट में आयकर में छूट की सीमा बढ़ाकर 5 लाख रुपये की गई, जिससे सीधे तौर पर लगभग 3 करोड़ लोगों को फायदा होगा। इसे मोदी सरकार का बड़ा दांव कहा जा सकता है, जिसका अगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा को यकीनन लाभ मिलेगा।

वेतनभोगियों को कई राहत

देश में वेतनभोगियों का एक बहुत बड़ा तबका है, जिसे साधने के लिए मोदी सरकार ने बजट में कई राहत दी हैं। न्यू पेंशन स्कीम में कर्मचारियों के हिस्से को 10 प्रतिशत रखते हुए सरकार के हिस्से को 14 प्रतिशत किया है। 'कम आमदनी वाले श्रमिकों को गारंटीड पेंशन देगी सरकार, 100 रुपये प्रति महीने के अंशदान पर 60 साल की आयु के बाद 3000 रुपये प्रति माह पेंशन की व्यवस्था की गई है। पीएम श्रमयोगी मानधन योजना की घोषणा, 15 हजार रुपये तक कमाने वाले 10 करोड़ श्रमिकों को योजना का लाभ। श्रमिक की मौत पर अब 2.5 लाख रुपये की बजाय 6 लाख रुपये मुआवाजा मिलेगा। ग्रेच्युअटी की सीमा 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख रुपये कर दी गई है। श्रमिकों का बोनस बढ़ाकर 7 हजार रुपये, 21 हजार रुपये तक के वेतन वालों को मिलेगा बोनस का प्रावधान किया गया है। इस तरह से मोदी सरकार ने करोड़ों नौकरीपेशा लोगों को इतनी सुविधाएं दी हैं कि वे जरूर खुशी की वजह से झूम उठेंगे।

किसानों की नाराजगी दूर करने की कोशिश

पांच राज्‍यों में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा को किसानों की नाराजगी का खामियाजा उठाना पड़ा था। मोदी सरकार ये जोखिम लोकसभा चुनाव में उठाने के पक्ष में कतई नहीं है। इसलिए अंतरिम बजट में किसानों का विशेष ध्‍यान रखा गया है। किसानों की आमदनी 2022 तक दोगुनी करने का लक्ष्‍य सामने रखते हुए उन्‍हें आर्थिक सहायता देने का भी एलान किया गया है। अब 2 हेक्टेयर वाले छोटे किसानों के खाते में सीधे 6 हज़ार रुपये डाले जाएंगे। 12 करोड़ किसानों को न्यूनतम आमदनी का फायदा मिलेगा। 1 दिसंबर 2018 से ही ये निधि लागू हो जाएगी। पीयूष गोयल ने बताया कि इस योजना की पहली किस्‍त की राशि जल्‍द ही किसानों के खातों में पहुंच जाएगी। हालांकि, ऐसी खबरें थी कि किसानों को प्रति हेक्‍टयर के हिसाब से 10 हजार रुपये देने की योजना है। लेकिन गरीब किसानों के लिए 6000 रुपये की राशि भी कम नहीं है।

गो वंश के लिए मोदी सरकार की कामधेनु योजना

मोदी सरकार का गो वंश को लेकर विशेष लगाव रहा है, इसमें कोई दो राय नहीं है। बजट में भी यह देखने को मिला है। दरअसल, हिंदू धर्म में गाय को माता का दर्जा दिया गया है। पीयूष गोयल ने शुक्रवार को घोषणा की कि केंद्र गायों के कल्याण के लिए 'कामधेनु योजना' स्थापित करेगा। लोकसभा में 2019-20 के लिए अंतरिम बजट पेश करते हुए उन्होंने कहा, 'सरकार गायों के सम्मान और सुरक्षा के लिए जो भी आवश्यक है वह करेगी। गाय के नस्ली सुधार एवं उत्पादकता बढ़ाने के लिए 750 करोड़ रुपये के साथ राष्ट्रीय कामधेनु आयोग का गठन होगा।

बजट भाषण के अंत में पीयूष गोयाल ने कहा कि हमारी सरकार ने भ्रष्टाचार मुक्त सरकार चलाई। हमने आतंकवाद मुक्त, भ्रष्टाचार मुक्त और परिवारवाद से मुक्त सरकार चलाकर दिखाई। सरकार में यह दम था कि हमने रिजर्व बैंक से उद्योगपतियों के ऋण लौटाने के लिए निर्देश दिया।


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