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1961 से अब तक के 13 सांप्रदायिक दंगों पर रिपोर्ट गायब, सरकार बोली- हमें नहीं पता

देश में 1961 के बाद से हुए दंगों में से करीब 13 पर रिपोर्ट गायब हैं। केंद्रीय सूचना आयोग ने रिपोर्टों की स्थिति का पता लगाने के लिए

By Vikas JangraEdited By: Published: Mon, 31 Dec 2018 08:17 AM (IST)Updated: Mon, 31 Dec 2018 08:17 AM (IST)
1961 से अब तक के 13 सांप्रदायिक दंगों पर रिपोर्ट गायब, सरकार बोली- हमें नहीं पता
1961 से अब तक के 13 सांप्रदायिक दंगों पर रिपोर्ट गायब, सरकार बोली- हमें नहीं पता

नई दिल्ली, प्रेट्र। केंद्रीय सूचना आयोग (सीआइसी) ने गृह सचिव को 1961 से देश में हुए सांप्रदायिक दंगों पर 13 जांच आयोग की रिपोर्टो की स्थिति का पता लगाने के लिए कहा है। आयोग ने गृह सचिव को इसके लिए एक अधिकारी तैनात करने और 15 दिन के अंदर विस्तृत रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है। मंत्रालय के अधिकारियों ने रिपोर्टे उपलब्ध नहीं होने का दावा किया है।

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आरटीआइ कार्यकर्ता अंजलि भारद्वाज की याचिका पर सुनवाई करते हुए सूचना आयुक्त बिमल जुल्का ने गृह सचिव को निर्देश दिया। भारद्वाज ने सांप्रदायिक दंगों पर विभिन्न जांच आयोगों या न्यायिक आयोगों की संपूर्ण रिपोर्टो पर जानकारी मांगी थी। सीआइसी ने गृह सचिव राजीव गौबा को 13 रिपोर्टों की स्थिति का पता लगाने के लिए एक वरिष्ठ अधिकारी तैनात करने को कहा। मंत्रrलय की वेबसाइट पर ये रिपोर्ट उपलब्ध नहीं हैं।

भारद्वाज ने कहा कि मंत्रलय ने 2006 में सांप्रदायिक दंगों की जांच के लिए नियुक्त विभिन्न न्यायिक और जांच आयोगों की रिपोर्टो का अध्ययन करने के लिए राष्ट्रीय एकता परिषद का एक कार्य समूह गठित किया था। उन्होंने कहा कि समूह ने 29 मामलों की जांच की थी। उन्होंने कहा कि उन्हें मंत्रालय की वेबसाइट पर 1961 से 2003 के बीच हुए दंगों के संबंध में 13 जांच या न्यायिक आयोग की रिपोर्टे नहीं मिलीं। लिहाजा ने उनकी प्रति के लिए आवेदन दायर किया।

इन दंगों पर रिपोर्ट नहीं मिलीं

भारद्वाज ने अपने आवेदन के जरिये, 1961 के मध्य प्रदेश दंगों पर शिव दयाल श्रीवास्तव आयोग, 1967 के बिहार दंगों पर जस्टिस रघुबर दयाल आयोग, 1969 के गुजरात दंगों पर जस्टिस पीजे रेड्डी आयोग, 1974 के दिल्ली दंगों पर प्रसाद आयोग और 1985 के गुजरात दंगों पर जस्टिस वीएस दवे आयोग की रिपोर्टो मांगी थीं। उन्होंने 1986 के महाराष्ट्र दंगों पर जस्टिस पीएस मावलंकर आयोग, 1988 के पश्चिम बंगाल दंगों पर जस्टिस हरिदास दास आयोग, 1990 के आंध्र प्रदेाश दंगों पर आरएच हीरामन सिंह की रिपोर्ट तथा 1990 के राजस्थान दंगों पर जस्टिस एनएल तिबरवाल आयोग की रिपोर्टे भी मांगी थीं। इसके अलावा उन्होंने 1992 के मध्य प्रदेश दंगों पर जस्टिस केके दुबे आयोग, 1998 के तमिलनाडु दंगों पर जस्टिस पीआर गोकुलकृष्णन आयोग, 1999 के महाराष्ट्र दंगों पर जस्टिस अनंत डी. माणो आयोग और 2003 के केरल दंगों पर थॉमस पी. जोसेफ आयोग की रिपोर्ट मांगी थी।

वेबसाइट पर 16 रिपोर्ट उपलब्ध

सूचना आयुक्त जुल्का ने कहा, '16 रिपोर्टे पहले से ही वेबसाइट पर हैं। अन्य 13 शेष रिपोर्टो के बारे में अपीलकर्ता ने जानकारी मांगी थी क्योंकि वे वेबसाइट पर उपलब्ध नहीं हैं।' उन्होंने कहा कि सुनवाई के दौरान मंत्रलय ने कहा कि ऐसी कोई रिपोर्ट उनके यहां जमा नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि भारद्वाज द्वारा उठाए गए मुद्दे में बड़ा जनहित शामिल है। मंत्रालय के जन सूचना अधिकारी का आचरण 'पूर्ण रूप से अस्वीकार्य' है।


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