Move to Jagran APP

अलग सिंध प्रदेश की मांग पर घिरे इंदौर के सांसद, भाजपा के दबाव में पलटे

इंदौर के सांसद लालवानी ने लोकसभा में सिंधी भाषा में अपनी बात रखते हुए सिंधी कला बोर्ड सिंधी टीवी चैनल और अलग सिंधी प्रदेश की मांग पर सरकार को विचार करने के लिए कहा था।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Mon, 21 Sep 2020 11:11 AM (IST)Updated: Mon, 21 Sep 2020 11:11 AM (IST)
अलग सिंध प्रदेश की मांग पर घिरे इंदौर के सांसद, भाजपा के दबाव में पलटे
अलग सिंध प्रदेश की मांग पर घिरे इंदौर के सांसद, भाजपा के दबाव में पलटे

इंदौर, राज्‍य ब्‍यूरो। छह महीने पहले संसद में रखी अलग सिंध प्रदेश की अपनी मांग को लेकर इंदौर के सांसद शंकर लालवानी घिर गए हैं। अब अपनी पार्टी भाजपा के दबाव में उन्हें बयान से पलटना पड़ा। रविवार को उन्होंने कहा कि जाति और धर्म के आधार पर हम कोई अलग प्रदेश की मांग नहीं करते और होना भी नहीं चाहिए। इधर, अपने समाज को खुश करने के लिए की गई सांसद की मांग राजनीतिक मुद्दा बन गई है। कांग्रेस इसे भुनाने में लगी है।   

loksabha election banner

22 मार्च को इंदौर के सांसद लालवानी ने लोकसभा में सिंधी भाषा में अपनी बात रखते हुए सिंधी कला बोर्ड, सिंधी टीवी चैनल और अलग सिंधी प्रदेश की मांग पर सरकार को विचार करने के लिए कहा था। तब तो यह मुद्दा राजनीतिक रूप से नहीं उछला, लेकिन अब उनका वायरल वीडियो गले की हड्डी बन गया है। 

सांसद शंकर लालवानी से सीधे सवाल- 

सवाल : क्या आपने सिंधी प्रदेश की मांग की ? 

जवाब : सदन में मैंने कहा कि पाकिस्तान के सिंध प्रदेश में अलग प्रदेश की मांग चल रही है। हमारे यहां नहीं। मैंने तो 26 जनवरी पर झांकी निकालने की मांग की थी, क्योंकि हमारा अलग से सिंधी प्रदेश नहीं है। सिंधु घाटी और मोहन जोदड़ों की पुरानी सभ्यता है। इसकी सांस्कृतिक विरासत की झांकी निकलनी चाहिए।   

सवाल : क्या आप अलग प्रदेश के पक्षधर हैं? 

जवाब : बिलकुल नहीं। जाति, धर्म के आधार पर हम कोई अलग प्रदेश की मांग नहीं करते और यह होना भी नहीं चाहिए। 

सवाल : कांग्रेस कह रही है कि आपको पूरे शहर ने वोट देकर संसद में भेजा है, फिर सिर्फ समाज के ही मुद्दे क्यों उठाते हैं? 

जवाब : मैं पांच साल के लिए सांसद बना हूं। हमेशा हिंदी में ही अपनी बात रखता हूं। देश का एकमात्र सिंधी सांसद हूं। दो मिनट सिंधी भाषा में समाज की बात उठाने में क्या हर्ज है? शहर की समस्याओं को लेकर तो हमेशा ही मांग रखता हूं। 

यह इंदौर का अपमान 

मध्‍य प्रदेश के कार्यकारी कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी का कहना है कि  सांसद लालवानी को लोगों ने वोट देकर संसद में भेजा है। यदि उनकी भाषा ऐसी है तो यह इंदौर का अपमान है। हम तो शुरू से कहते हैं कि भाजपा की विचारधारा जाति और धर्म के आधार पर बंटवारा कर सत्ता पाने की रही है। 

सदन में यह बोले थे लालवानी 

20 मार्च को सदन में लालवानी ने कहा था- 'सरकार विचार करे कि जो सिंधी पाकिस्तान से भारत आए हैं उनकी हालत ठीक नहीं है। उनके विकास के लिए सिंधी कल्याण बोर्ड बनना चाहिए। सिंधी कला और संस्कृति दुनिया की पुरानी संस्कृतियों में से एक है, इसलिए राष्ट्रीय सिंधी कला अकादमी होनी चाहिए। देश में अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में टीवी चैनल हैं। सिंधी भाषा में भी एक टीवी चैनल होना चाहिए।

26 जनवरी को दिल्ली की परेड में सभी प्रदेशों की झांकी निकलती है। देश में अलग से सिंधी प्रदेश नहीं है, इस कारण सिंधी समाज की झांकी भी निकलनी चाहिए। सिंध प्रदेश पाकिस्तान में रह गया है। सिंधी समाज मांग करता है कि भारत में भी सिंधी प्रदेश होना चाहिए। एक सिंधी विश्वविद्यालय भी देश में होना चाहिए।"   


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.