‘आयरन लेडी’ इंदिरा गांधी की जयंती आज, एक बड़ा फैसला जो बना मौत की वजह
इंदिरा गांधी स्वतन्त्र भारत के प्रथम प्रधानमन्त्री जवाहर लाल नेहरू की पुत्री थीं, लेकिन उनकी पहचान पिता के नाम से नहीं, बल्कि स्वयं के प्रभावशाली व्यक्तित्व व राजनैतिक दृढ़ता से है।
नई दिल्ली, जेएनएन। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के 101वीं जयंती पर सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने शक्ति स्थल पहुंचकर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इंदिरा गांधी को श्रद्धांजलि दी है। विश्व राजनीति में ‘लौह महिला’ के नाम से जाने जानी वालीं इंदिरा गांधी का जन्म 19 नवम्बर 1917 को नेहरू परिवार में हुआ था। वह जन्म से ही प्रभावशाली व्यक्तित्व की धनी थीं। उन्होंने न सि़र्फ भारतीय राजनीति, बल्कि विश्व राजनीति के क्षितिज पर भी अपने कार्यों से इतिहास में अपना नाम द़र्ज करा दिया।
सख्त फैसले लेने वालीं प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी
इंदिरा गांधी 1941 में विदेश से शिक्षा ग्रहरण कर भारत लौटीं और एक साल बाद फिरोज गांधी से विवाह किया। 1964 में पिता की मृत्यु के बाद राज्यसभा से संसद पहुंच लाल बहादुर शास्त्री की कैबिनेट में सूचना और प्रसारण मंत्री का दायित्व संभाला। 1966 से लेकर 1977 तक प्रधानमंत्री रहीं। 1971 में पाकिस्तान को युद्ध में धूल चटाई और बांग्लादेश के रूप में नाया देश बनाया।
विरासत में मिला आर्थिक और बौद्धिक रूप से सम्पन्न परिवार
इंदिरा गांधी स्वतन्त्र भारत के प्रथम प्रधानमन्त्री जवाहर लाल नेहरू की पुत्री थीं, लेकिन उनकी पहचान पिता के नाम से नहीं, बल्कि उनके स्वयं के प्रभावशाली व्यक्तित्व व राजनैतिक दृढ़ता के कारण है। इलाहाबाद के आनन्द भवन में जन्मीं इन्दिरा गांधी को आर्थिक व बौद्धिक रूप से सम्पन्न परिवार विरासत में मिला। पिता जवाहर लाल नेहरू और दादा मोतीलाल नेहरू पेशे से वकील थे। जवाहर लाल नेहरू शिक्षा का महत्व जानते थे, इसलिए इंदिरा की प्रारम्भिक शिक्षा घर पर ही हुई। इसके बाद उनकी शिक्षा शान्ति निकेतन से शुरू होकर ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी तक हुई।
‘वानर सेना’ का नेतृत्व किया
गुलाम भारत की चिन्तनीय स्थिति को इन्दिरा ने बचपन में ही भांप लिया था, जिसके चलते छोटी-सी उम्र में ही साथियों के साथ मिलकर ‘वानर सेना’ का नेतृत्व किया। नेतृत्व की क्षमता उनमें बचपन से ही थी, प्रधानमंत्री बनने के बाद भी नजर आई।
राजनीति के क्षेत्र में इन्दिरा गांधी ने कुछ बड़े और महत्वपूर्ण परिवर्तन किये-
-‘बैंकों का राष्ट्रीयकरण’ सर्वप्रथम इंदिरा गांधी ने किया।
-‘रजवाड़ों का प्रिवी-पर्स’ समाप्त करना उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि थी।
-‘ऑपरेशन ब्लू स्टार’, जिससे ‘खलिस्तान आन्दोलन’ समाप्त किया गया था, वह भी इंदिरा गांधी के नेतृत्व में सम्पन्न किया गया था।
-‘पांचवी पंचवर्षीय योजना’ के अन्तर्गत ‘गरीबी हटाओ’ का नारा देकर निर्धनता समाप्त करने के ‘20 सूत्री कार्यक्रमों’ का निर्धारण किया गया।
फैसला जो बना मौत का कारण
खालिस्तान समर्थकों द्वारा चलाये ‘ऑपरेशन ब्लू स्टार’ का विरोध करने पर भी इंदिरा गांधी ने उसे वापस नहीं लिया। उनका यही फैसला उनकी मौत का कारण बना। उनके इस फैसले से नारा़ज उनके ही अंगरक्षकों ने उन्हें 31 अक्टूबर 1984 को मौत के घाट उतार दिया।