भारत और अमेरिका के सैन्य अधिकारियों की वर्चुअल बैठक, जानें किन मसलों पर हुई बातचीत
भारत और अमेरिका के बीच रक्षा समेत अन्य क्षेत्रों में परस्पर सहयोग संबंध मजबूत हो रहे हैं। दोनों देशों के वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों ने 22 से 24 फरवरी तक यहां परस्पर कार्यकारी संचालन समूह (Executive Steering Group ESG Meeting) की बैठक आयोजित की।
नई दिल्ली, पीटीआइ। भारत और अमेरिका के बीच रक्षा समेत अन्य क्षेत्रों में परस्पर सहयोग संबंध मजबूत हो रहे हैं। दोनों देशों के वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों ने 22 से 24 फरवरी तक यहां परस्पर कार्यकारी संचालन समूह (ईएसजी) की बैठक आयोजित की। बैठक के 24वें संस्करण के दौरान दोनों देशों ने रक्षा सहयोग बढ़ाने के तरीकों पर बातचीत की। यह जानकारी गुरुवार को जारी एक बयान में दी गई।
बैठक में अमेरिकी सेना के 12-सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने प्रत्यक्ष रूप से और अमेरिका के विभिन्न स्थानों से 40 अधिकारियों ने वर्चुअल हिस्सा लिया। मेजर जनरल डैनियल मैकडैनियल, डिप्टी कमांडिंग जनरल, यूएस आर्मी पैसिफिक (यूएसएआरपीएसी) ने अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया। भारतीय सेना के प्रतिनिधिमंडल में 37 अधिकारी शामिल थे।
भारतीय सेना की ओर से जारी बयान में कहा गया कि ईएसजी दोनों सेनाओं के बीच संपर्क का एक माध्यम है। इसकी बैठक दोनों देशों में बारी-बारी से दोनों सेनाओं के बीच सहयोग बढ़ाने के लिए हर वर्ष आयोजित की जाती है।
बयान में कहा गया कि बैठक में आपसी हितों के कई समसामयिक विषयों पर चर्चा हुई जिसका मकसद विभिन्न क्षेत्रों में संपर्क बढ़ाना है। बयान में कहा गया कि दोनों पक्ष के सैन्य अधिकारियों ने रक्षा सहयोग और साझा हितों के मुद्दों पर चर्चा की। कोरोना महामारी के कारण लगी पाबंदियों के कारण पहली बार बैठक प्रत्यक्ष और वर्चुअल दोनों माध्यमों से आयोजित की गई।
उल्लेखनीय है कि हाल ही में बीकानेर के महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में भारत और अमेरिका की सेनाओं ने संयुक्त युद्धाभ्यास किया था। इस युद्धाभ्यास में अमेरिका के 240 सैनिक शामिल हुए थे। इस युद्धाभ्यास में भारतीय सेना की सप्तशक्ति कमान की 11वीं बटालियन और जम्मू-कश्मीर राइफल्स शामिल हुई थी।
बीते दिनों अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन ने कहा था कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत अकेला देश है जो सभी तरह की चुनौतियों का सामना कर रहा है। पेंटागन के प्रेस सचिव जॉन किर्बी ने कहा था कि अमेरिका और भारत के बीच बहुत महत्वपूर्ण रिश्ते हैं, खासतौर से दोनों देशों की सेनाओं के बीच। यदि हम रक्षा मंत्री की प्राथमिकता के बारे में चर्चा करें तो कह सकते हैं कि हम भारत के साथ अमेरिका के संबंधों को और ज्यादा मजबूत बनाना चाहते हैं।