भारतीय वायुसेना ने पोकरण में ही कर लिया था बालाकोट हवाई हमले का युद्धाभ्यास!
वायुसेना को संकेत मिले थे कि सरकार पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मुहम्मद के संगठन को निशाना बनाने के लिए वायुसेना को यह काम सौंप सकती है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। पाकिस्तान की सीमा के पास राजस्थान के पोकरण में 16 फरवरी को भारतीय वायुसेना के दिन-रात चलने वाले वृहद् युद्धाभ्यास में कुछ बदलाव किए गए क्योंकि सरकार पुलवामा हमले के बाद नियंत्रण रेखा के पार हवाई हमले पर विचार कर रही थी। यह जानकारी सोमवार को आधिकारिक सूत्रों ने दी।
अभ्यास 'वायु शक्ति' में 140 से अधिक लड़ाकू विमान, सेना के हेलीकॉप्टर के साथ कई मिसाइल शामिल होने वाले थे जिसमें कम समय में सटीक निशाना लगाने की क्षमता प्रदर्शित करना था।
सरकार के शीर्ष सूत्रों ने सोमवार को बताया कि इस अभ्यास का समय पहले से तय था, लेकिन वायुसेना के शीर्ष अधिकारी जानते थे कि सरकार 14 फरवरी को हुए पुलवामा हमले का बदला लेने के लिए पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मुहम्मद के ठिकानों पर हवाई हमला करने पर विचार कर रही है।
उन्होंने कहा कि सरकार से संकेत मिलने के बाद वायुसेना ने अभ्यास के प्रारूप में कुछ बदलाव किए। इसके दस दिन बाद एक समन्वित अभियान में मिराज- 2000 के 12 विमानों एवं अन्य प्लेटफॉर्म के सहयोग से पाकिस्तान के अंदर जैश-ए-मुहम्मद के सबसे बड़े आतंकवादी प्रशिक्षण शिविर को निशाना बनाया गया।
सूत्रों ने बताया कि वायुसेना को संकेत मिले थे कि सरकार पाकिस्तान स्थित संगठन को निशाना बनाने के लिए वायुसेना को यह काम सौंप सकती है।
युद्धाभ्यास में मिराज- 2000 विमानों ने दुश्मनों के ठिकाने नष्ट करने की क्षमता का प्रदर्शन किया था। सूत्रों ने बताया कि जैश-ए-मुहम्मद के आतंकवादी ठिकाने पर हमले में मिराज- 2000 का इस्तेमाल इसलिए किया गया कि यह 'सटीकता' से लंबी दूरी तक निशाना साधने में सक्षम है और यह कई बम एवं मिसाइलों के साथ ही लेजर गाइडेड मिसाइल भी दाग सकता है। सूत्रों ने बताया कि आतंकी ठिकाने पर हमले का इच्छित परिणाम सामने आया।