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एस 400 रक्षा मिसाइल प्रणाली से जल्द ही लैस होगा भारत

सुभाष भामरे ने एक सवाल के जवाब में लोकसभा को बताया कि, एस-400 मिसाइल सिस्टम से भारत को संवेदनशील इलाकों में हवाई सुरक्षा की ताकत मिलेगी।

By Manish NegiEdited By: Published: Fri, 04 Jan 2019 08:27 PM (IST)Updated: Fri, 04 Jan 2019 08:27 PM (IST)
एस 400 रक्षा मिसाइल प्रणाली से जल्द ही लैस होगा भारत
एस 400 रक्षा मिसाइल प्रणाली से जल्द ही लैस होगा भारत

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। रूस के साथ हुई एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम की डील के तहत भारत को अक्टूबर 2020 से इस रक्षा प्रणाली की डिलीवरी मिलना शुरू हो जाएगी। रूस अक्टूबर 2020 से अप्रैल 2023 तक सभी मिसाइलों की डिलीवरी कर देगा। किसी भी सुरक्षा चुनौती से हर वक्त निपटने की स्थिति में सुरक्षा बलों को सक्षम रखने के लिए लिहाज से यह डील काफी अहम है।

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रक्षा राज्य मंत्री सुभाष भामरे ने एक सवाल के जवाब में लोकसभा को बताया कि, एस-400 मिसाइल सिस्टम से भारत को संवेदनशील इलाकों में हवाई सुरक्षा की ताकत मिलेगी। एस-400 मिसाइल सिस्टम्स केजरिए भारत 400 किलोमीटर की दूरी तक बॉम्बर्स, जेट्स, स्पाई प्लेन्स, मिसाइल और ड्रोन्स के अटैक को ट्रेस कर सकेगा और उन्हें नेस्तनाबूद कर सकेगा। भारत ने इस सिस्टम को चीन और पाकिस्तान की सीमा के निकट तैनात करने के लिए अलावा राजधानी दिल्ली जैसे अहम शहरों केपास लगाने का फैसला लिया है।

पिछले वर्ष अक्टूबर में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अपने दो दिवसीय दौरे पर भारत आए थे। उनकी इस यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच एस-400 वायु रक्षा प्रणाली सौदे पर दस्तखत हुए थे और 40,000 करोड़ रुपये की डील तय की गयी थी। हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पुतिन ने अपने-अपने बयानों में एस-400 समझौते का जिक्र नहीं किया था। सरकारी अधिकारियों ने भी इस समझौते पर हस्ताक्षर होने की सार्वजनिक घोषणा नहीं की थी। याद रहें भारत ने अमेरिकी की उस धमकी के बाद भी रूस के साथ यह डील की है, जिसमें उसने रूस से डील करने वाले देशों पर प्रतिबंध की बात कही थी।

गौरतलब है कि एस 400 खरीदने वाला भारत दुनिया का तीसरा देश है। चीन ने भी रूस से इसे खरीदा है। यह मिसाइल सिस्टम अपने आप में बेजोड़ है। एस-400 डिफेंस सिस्टम एक विमान भेदी मिसाइल है। यह रूस की नई वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली का हिस्सा है, जो 2007 में रूसी सेना में तैनात की गई थी। इस डिफेंस सिस्टम से बैलिस्टिक मिसाइलों, विमानों, क्रूज और दुश्मन के जमीनी ठिकानों को भी आसानी से निशाना बनाया जा सकता है। ये मिसाइलें 400 किलोमीटर तक मारक क्षमता रखती है। इसके पास अमेरिका के सबसे आधुनिक फाइटर जेट एफ-35 को गिराने की भी क्षमता है।

एस-400 रक्षा प्रणाली की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इससे एक साथ तीन-तीन मिसाइलें एक साथ दागी जा सकती हैं। इसका पूरा नाम एस-400 ट्रायम्फ है जिसे नाटो देशों में एसए-21 ग्रोलर के नाम से पुकारा जाता है। इस एक मिसाइल सिस्टम में कई सिस्टम एकसाथ लगे होने के कारण इसकी सामरिक क्षमता काफी मजबूत मानी जाती है।


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