पाक फिर बेनकाब, मुंबई हमले के दोषियों के अपने यहां होने की बात मानी, भारत ने बनाया कार्रवाई का दबाव
पाकिस्तान की जांच एजेंसी की ओर से मोस्ट वांटेड आतंकियों की अपडेट सूची में 26/11 मुंबई हमले से जुड़े कई आतंकियों के नाम शामिल हैं। इस पर भारत ने कहा है कि अब दुनिया जान गई है कि 26/11 मुंबई हमला सुनियोजित था जिसकी साजिश पाकिस्तान में रची गई थी...
नई दिल्ली, जेएनएन। कहते हैं कि सच को ज्यादा दिनों तक छिपाया नहीं जा सकता। मुंबई हमले की सच्चाई को छिपाने में 12 वर्षो से लगे पाकिस्तान के हुक्मरानों के बारे में भी यह बात कही जा सकती है। दो दिन पहले ही पाकिस्तान की फेडरल जांच एजेंसी ने मुंबई हमले में मदद करने वाले कुछ अपराधियों के नाम उन आतंकियों की सूची में शामिल किए हैं जो काफी दिनों से पाकिस्तान में छिपे हुए हैं। हालांकि भारत ने इस सूची में हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद और कुछ अन्य शीर्ष साजिशकर्ताओं के नाम न शामिल करने पर कड़ी आपत्ति जताई है।
भारत ने कहा कि मुख्य साजिशकर्ता का नाम न शामिल कर पाक ने आंख में धूल झोंकने का काम किया है। पाकिस्तान ने यह सूची एफएटीओ के प्रतिबंध से बचने के लिए जारी की है। इससे यह बात सामने आ गई है किस तरह से वह विश्व के कुख्यात आतंकी हमलों को अंजाम देने वालों को छिपाता रहा है।
भारत ने कहा है कि इससे पाकिस्तान की कलई खुल गई है। अब उसे दोषियों को सजा दिलाने में गंभीरता दिखानी चाहिए। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा है कि पाकिस्तान की तरफ से जारी सूची को हमने देखा है। यहां भी पाकिस्तान ने चालाकी दिखाई है। इसमें लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के कुछ आतंकियों का नाम शामिल किया गया है लेकिन मुंबई हमले की साजिश रचने और उसे अंजाम तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाने वाले एक आतंकी का नाम शामिल नहीं है। पाकिस्तान ने खुलेआम उसे बचाने की कोशिश की है।
श्रीवास्तव ने नाम तो नहीं लिया लेकिन उनका इशारा हाफिज सईद की तरफ था। उन्होंने कहा कि, भारत पूर्व में भी यह सारे सबूत दे चुका है कि इस हमले की साजिश शुरू से लेकर आखिर तक पाकिस्तान में बनी थी। इसके सारे सबूत दिए जा चुके हैं। अब साफ है कि पाकिस्तान के पास भी सारे सबूत हैं कि मुंबई हमले के सारे साजिशकर्ता वहीं रहते हैं।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि भारत पूर्व में भी पाकिस्तान से यह आग्रह करता रहा है कि वह अड़चन डालना बंद करे और मुंबई हमले के दोषियों को सजा दिलाने के अपने वैश्विक दायित्व का पालन करे। दूसरे कई देशों ने भी पाकिस्तान से ऐसा करने के लिए कहा है। अब जबकि पाकिस्तान सार्वजनिक तौर पर मान रहा है कि उसके पास सारे सबूत हैं तो उसे गुनहगारों को सजा दिलाने के लिए पूरी गंभीरता दिखानी चाहिए।
उल्लेखनीय है 26 नवंबर 2008 में पाकिस्तान समर्थित आतंकियों ने मुंबई हमले में 15 देशों के 166 नागरिकों की हत्या की थी। भारत व पाकिस्तान के बीच इस बारे में अंतिम बातचीत दिसंबर, 2015 में हुई थी। पाकिस्तान ने इस बारे में जांच आयोग भी स्थापित किया था और इस आधार पर कभी कभी वहां के न्यायालयों में मामला चलाने का स्वांग भी किया जाता है।
पाकिस्तान कई बार भारत पर ही आरोप लगा चुका है कि वह मुंबई हमले की जांच से जुड़ी सभी सूचनाएं नहीं दे रहा। दूसरी तरफ हमले के प्रमुख साजिशकर्ता जकी उर रहमान लखवी व हाफिज सईद को कुछ समय जेल में बंद करने के बाद छोड़ दिया गया।