समय पर व्यापक तैयारियों से कोरोना वायरस को रोकने में भारत को मिली सफलता
सभी राज्यों को कोरोन वायरस से अचानक फैलने की स्थिति में मास्क ग्लब्स दवाइयां और अन्य जरूरी सामान का पर्याप्त भंडार रखने को कहा गया है।
नीलू रंजन, नई दिल्ली। समय से उठाए गए कदमों और व्यापक व बारीकी से निगरानी के बल पर सरकार देश में कोरोना वायरस को फैलने से रोकने में सफल रही है। कोरोना वायरस से ग्रसित तीन मरीजों की पहचान केरल में की गई थी, उनमें से एक को पूरी तरह ठीक होने के बाद गुरूवार घर भेज दिया गया है।
स्वास्थ्य सचिव हर दिन लेती हैं ताजा हालात की जानकारी
हालात यह है कि स्वास्थ्य सचिव प्रीति सूदन हर दिन राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य सचिवों के साथ-साथ जहाजरानी, विदेश, नागरिक उड्डयन और पर्यटन मंत्रालय के सचिवों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये ताजा हालात की जानकारी लेती है। विशेष मंत्रिमंडलीय समूह और कैबिनेट सचिवालय के अलावा खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी निजी तौर हालात का जायजा लेते रहते हैं।
17 जनवरी को जारी की गई थी पहली एडवायजरी
कोरोना वायरस को लेकर सरकार की संवेदनशीलता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने 17 जनवरी को ही चीन के लिए यात्रा एडवाडजरी कर दी थी। इसके साथ ही चीन से होकर आने यात्रियों के लिए एयरपोर्ट पर ही थर्मल स्क्रीनिंग के साथ ही उनपर लगातार नजर रखने की व्यवस्था की गई।
यात्रियों की अनिवार्य स्क्रीनिंग
दूसरे देशों में कोरोना वायरस के मरीजों के फैलने के मद्देनजर यात्रियों की अनिवार्य स्क्रीनिंग को तायवान, दक्षिण कोरिया, कंबोडिया, जापान, हांगकांग जैसे देशों तक बढ़ा दी गई। चीन के बुहान शहर से मालदीव के सात नागरिकों समेत 645 लोगों को भारत लाकर अलग-थलग रखने का इंतजाम किया गया।
कोरोना वायरस के संक्रमण के संकेत नहीं मिले
13-14 दिन बीत जाने के बावजूद इनमें किसी में वायरस के संक्रमण के संकेत नहीं मिले हैं। 18 फरवरी को अंतिम जांच के बाद इन्हें 20 फरवरी को घर जाने की इजाजत दे दी जा सकती है। इन तैयारियों की समीक्षा के लिए स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन के नेतृत्व में एक जीओएम का गठन भी किया गया है, जिसकी दो बैठक हो चुकी है। इसमें विदेश, जहाजरानी, नागरिक उड्डयन, गृह राज्यमंत्री और पर्यटन मंत्री शामिल हैं।
सबसे बड़ी चुनौती केरल में कोरोना वायरस फैलने से रोकने की थी
स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि उनकी सबसे बड़ी चुनौती केरल में तीन कोरोना वायरस पीडि़त मरीजों के मिलने के बाद इसे फैलने से रोकने की थी। इसके लिए न सिर्फ उन तीन मरीजों को अलग-थलग वार्ड में रखकर इलाज शुरू किया गया, बल्कि वे जिन-जिन लोगों के संपर्क में आए थे, उन्हे ढूंढ कर विशेष निगरानी में रखा गया। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार तीन में एक व्यक्ति पूरी तरह ठीक हो चुका है और गुरूवार को उसे घर भेज दिया गया है।
भारत की दूसरी सबसे बड़ी चिंता नेपाल में कोरोना से एक व्यक्ति की मौत से पैदा हुई
केरल में कोरोना पीडि़त मरीजों के अलावा भारत की दूसरी सबसे बड़ी चिंता नेपाल में कोरोना से एक व्यक्ति की मौत से पैदा हुई। नेपाल के साथ खुली सीमा और हर दिन हजारों लोगों के इसके आर-पार जाने के कारण हर व्यक्ति की स्क्रीनिंग संभव नहीं थी। वैसे तो सभी नेपाल सीमा पर सभी चेकपोस्ट पर स्क्रीनिंग की जा रही है, इसके साथ ही सीमा से सटे राज्यों के सभी गांवों में ग्राम सभाओं को नेपाल से आने-जाने वाले हर व्यक्ति की जानकारी साझा करने की जिम्मेदारी दी गई है।
केंद्रीय मानिटरिंग का मुकम्मल इंतजाम
पूरे देश के हालात की केंद्रीय मानिटरिंग का भी मुकम्मल इंतजाम किया गया है। इसके लिए विशेष पोर्टल बनाया गया है, जिनमें सभी राज्य हर दिन कोरोना वायरस से संबंधित सभी गतिविधियों को साझा करते हैं। सभी राज्यों को कोरोन वायरस से अचानक फैलने की स्थिति में मास्क, ग्लब्स, दवाइयां और अन्य जरूरी सामान का पर्याप्त भंडार रखने को कहा गया है और इसे सुनिश्चित भी किया जा रहा है।