सीमा पर तनाव के बाद पहली बार भारत-चीन में यूएनएससी के भविष्य के एजेंडे पर हुई वार्ता
पूर्वी लद्दाख इलाके में चीनी सैनिकों की घुसपैठ की वजह से भारत और चीन के रिश्तों में जो तल्खी घुली थी उसके नरम पड़ने के आसार दिख रहे हैं। मंगलवार को दोनों देशों के बीच संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के भावी एजेंडे पर अहम बैठक हुई है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख इलाके में चीनी सैनिकों की घुसपैठ की वजह से भारत और चीन के रिश्तों में जो तल्खी घुली थी उसके नरम पड़ने के आसार दिख रहे हैं। मंगलवार को दोनों देशों के बीच संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के भावी एजेंडे पर एक अहम बैठक हुई है। मई, 2020 में चीनी सैनिकों की घुसपैठ के बाद दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय सहयोग को लेकर होने वाली तमाम बैठकों को रद कर दिया गया था।
यूएनएससी एजेंडे पर बैठक में भारत-चीन का शामिल होना कुछ बदलाव का संकेत दे रहा
कूटनीतिक संबंध स्थापित करने के 70वें वर्ष पर जो बैठकें होने वाली थीं उन्हें भी रद कर दिया गया था। जून, 2020 के बाद से दोनों देशों के विदेश मंत्रालयों और सैन्य स्तर पर सिर्फ सीमा विवाद को सुलझाने के लिए बैठकें हुई हैं। ऐसे में यूएनएससी पर बैठक और उसमें दोनों देशों के विदेश मंत्रालयों के अधिकारियों का शामिल होना कुछ बदलाव का संकेत दे रहा है।
भारत-चीन में यूएनएससी एजेंडे पर वर्चुअल बैठक हुई
विदेश मंत्रालय की तरफ से बताया गया है कि यूएनएससी एजेंडे पर वर्चुअल बैठक हुई है। चीन की ओर से उसके विदेश मंत्रालय के अंतरराष्ट्रीय संगठन और काफ्रेंस विभाग के डायरेक्टर जनरल यांग ताओ ने इसकी अगुआई की। जबकि भारतीय पक्ष का नेतृत्व विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव प्रकाश गुप्ता ने किया। बैठक में पूर्व एशिया प्रभाग के अधिकारियों, बीजिंग स्थित भारतीय दूतावास के अधिकारी और संयुक्त राष्ट्र स्थित भारतीय प्रतिनिधि कार्यालय के अधिकारियों ने भी हिस्सा लिया।
भारत-चीन में आगे भी मशविरा जारी रखने पर बनी सहमति
दोनों पक्षों के बीच काफी व्यापक एजेंडे पर बात हुई है। भारतीय दल यूएनएससी में अपने कार्यकाल के दौरान जिन मुद्दों को उठाएगा, उनके बारे में विस्तार से बताया। दोनों पक्षों के बीच आगे भी इस तरह का मशविरा जारी रखने पर सहमति बनी है।
भारत यूएनएससी के दूसरे स्थायी देशों व अस्थायी देशों के साथ भी करेगा बैठक
एक जनवरी, 2021 से भारत दो वर्षों के लिए यूएनएससी का अस्थायी सदस्य बना है। इस तरह की बैठक वह यूएनएससी के दूसरे स्थायी देशों व अन्य अस्थायी देशों के साथ भी करेगा। सनद रहे कि भीषण सर्दी के बावजूद भारत और चीन के सैनिक पूर्वी लद्दाख के इलाकों में तैनात किए गए हैं।
चीन के सैनिकों की घुसपैठ के बाद से भारत-चीन के रिश्तों में आई तल्खी
मई, 2020 में चीन के सैनिकों की घुसपैठ के बाद से दोनों देशों के रिश्तों में काफी तल्खी आ गई है। जून, 2020 में दोनों देशों के बीच हिंसक झड़प में दोनों देशों के सैनिकों को जान भी गंवानी पड़ी थी। कई स्तरों की बातचीत हो चुकी है, हालांकि सैनिकों की वापसी अभी शुरू नहीं हुई है।