India China Border Tension: दिल्ली में दोस्ती का वादा, बीजिंग में अरुणाचल प्रदेश को लेकर बदला हुआ राग
भारत को लेकर चीन की कूटनीति ना सिर्फ विरोधाभासी है बल्कि संदेहास्पद भी है। इसका एक बड़ा उदाहरण गुरुवार को तब देखने को मिला जब नई दिल्ली में तो चीन के राजदूत ने रिश्तों को फिर से पटरी पर लाने की बात कही।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। भारत को लेकर चीन की कूटनीति ना सिर्फ विरोधाभासी है, बल्कि संदेहास्पद भी है। इसका एक बड़ा उदाहरण गुरुवार को तब देखने को मिला, जब नई दिल्ली में तो चीन के राजदूत ने रिश्तों को फिर से पटरी पर लाने की बात कही, लेकिन बीजिंग में चीन के विदेश मंत्रालय ने अरुणाचल प्रदेश पर अपना दावा जता दिया। साथ ही वहां किए जा रहे निर्माण कार्य को भी सही ठहराया। भारत में चीन के राजदूत सुन वीडोंग ने गुरुवार को अपने दूतावास की मासिक पत्रिका जारी की।
नई दिल्ली में चीनी राजदूत ने रिश्तों को पटरी पर लाने की जताई इच्छा
इसके अग्रलेख में उन्होंने लिखा है कि भारत और चीन की दोस्ती सदियों पुरानी है। हमें इतिहास के सही पक्ष में खड़ा होना चाहिए। हमें दोनों देशों के नेताओं की तरफ से दिए गए इस निर्देश पर चलना चाहिए कि ये दोनों देश एक-दूसरे के लिए खतरा नहीं हैं, बल्कि विकास का नया मौका देते हैं। हमें द्विपक्षीय रिश्तों में तनाव पैदा करने वाले मुद्दों को इस तरह से सुलझाना चाहिए कि ये बड़े विवाद में नहीं बदल सकें। हमें इस तरह से सहयोग स्थापित करना चाहिए कि दोनों देशों व इनकी जनता के हितों को फायदा पहुंचे। आइए, हम चीन-भारत रिश्ते को फिर से स्वस्थ व स्थायी विकास की राह पर लेकर चलें। सुन वीडोंग पहले भी इस पत्रिका के जरिये भारत के साथ रिश्तों पर अपनी बात रख चुके हैं।
बीजिंग में विदेश मंत्रालय ने अरुणाचल प्रदेश को अपना हिस्सा बताया
चीन के राजदूत ने जहां हालात को बेहतर बनाने के संकेत दिए, वहीं चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनइंग ने समूचे अरुणाचल प्रदेश पर चीन का दावा ठोक कर यह सुनिश्चित कर दिया कि द्विपक्षीय रिश्तों को सामान्य बनाने की कोशिशों पर पानी फिर जाए। एक पत्रकार ने उनसे भारतीय टीवी चैनल में दिखाए गए उन तस्वीरों पर राय जाननी चाही, जिसमें अरुणाचल प्रदेश में चीन की तरफ से निर्माण कार्य करते हुए दिखाया गया है।
इस पर चुनइंग ने कहा कि तिब्बत के दक्षिणी इलाके जांगनान (अरुणाचल प्रदेश का चीनी नाम) पर चीन की नीति में कोई बदलाव नहीं आया है। हमने कभी अरुणाचल प्रदेश को मान्यता नहीं दी है। यह चीन के इलाके में गैर कानूनी तरीके से स्थापित किया गया है। चीन अपने इलाके में निर्माण कार्य कर रहा है जो पूरी तरह से उसकी संप्रभूता का मामला है।