India-China Border Talks: चीनी विदेश मंत्री से मिले NSA अजीत डोभाल, सीमा विवाद पर चर्चा
भारत और चीन के बीच सीमा विवाद को सुलझाने के लिए विशेष प्रतिनिधि स्तर की वार्ता आज होगी। इसमें भारतीय दल का नेतृत्व एनएसए अजीत डोभाल करेंगे।
नई दिल्ली, एजेंसी। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल ने चीनी विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात की। आज भारत-चीन सीमा प्रश्न के लिए विशेष प्रतिनिधियों (एसआर) की 22 वीं बैठक हो रही है, यहां सीमा विवाद को सुलझाने को लेकर चर्चा होगी।
Delhi: National Security Advisor (NSA) Ajit Doval meets Chinese State Counsellor & Foreign Minister Wang Yi for the 22nd meeting of Special Representatives (SR) for India-China Boundary Question. pic.twitter.com/O4klRnzdO2
— ANI (@ANI) December 21, 2019
भारत और चीन के बीच लंबे समय से चले आ रहे सीमा विवाद पर आज दोनों देशों के बीच एक बड़ी बैठक होने जा रही है।भारत और चीन के बीच सीमा विवाद को सुलझाने के लिए विशेष प्रतिनिधि स्तर की वार्ता आज होगी।
सीमा विवाद को लेकर अहम बैठक
विदेश मंत्रालय की तरफ से जानकारी दी गई था कि सीमा विवाद सुलझाने के लिए दोनों देशों के बीच होने वाली यह 22वीं बैठक है।वैसे इस बैठक से भी दशकों से लंबित पड़े सीमा विवाद का निपटारा निकलने की कोई उम्मीद नहीं है, लेकिन माना जा रहा है कि अब बातचीत काफी अहम दौर में पहुंच गई है।
क्या है विवाद, क्यों हो रही बैठक ?
भारत-चीन के बीच 3,488 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा है। इसके एक बड़े हिस्से को लेकर दोनों देशों में असहमति है जिसे दूर करने के लिए विशेष प्रतिनिधियों के बीच वार्ता शुरू कराई गई थी।
चीन के विदेश मंत्रलय की तरफ से बताया गया है कि आज से शुरू होने वाली दो दिवसीय वार्ता में अंतरराष्ट्रीय सीमा का निर्धारण, सीमा प्रबंधन के साथ ही दूसरे साझा हितों से जुड़े मुद्दों पर भी चर्चा की जाएगी। पिछले वर्ष दोनों देशों के बीच यह बैठक चीन में ही हुई थी जिसमें दोनों पक्षों ने सीमा विवाद को सुलझाने की कोशिशों को तेज करने की बात कही थी।
भारत-चीन की तल्खियों के बीच वार्ता
बता दें, पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति चिनफिंग के बीच हुई बैठक ते बावजूद दोनों देशों के रिश्ते बहुत अच्छे नहीं हैं। कश्मीर को लेकर रिश्तों में लगातार तनाव आ रहा है। वांग यी को सितंबर, 2019 में ही बैठक के लिए आना था लेकिन भारत ने इसे टालने का आग्रह किया था। माना जाता है कि संयुक्त राष्ट्र में जिस तरीके से चीन ने कश्मीर का मुद्दा उठाया था उसे देखकर ही भारत ने वार्ता को टाला था।
यह भी बता दें कि मोदी और चिनफिंग के बीच हुई वार्ता के दौरान भी दोनों नेताओं ने सीमा विवाद का ऐसा हल निकालने की बात कही थी जो दोनों पक्षों को स्वीकार्य हो।