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भारत और वियतनाम ने क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर बातचीत की, विदेश मंत्री ने निवेश के लिए किया आमंत्रित

भारत और वियतनाम के सह अध्यक्षों ने पारस्परिक हित के क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया खासकर COVID-19 महामारी के प्रकोप के संदर्भ में।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Tue, 25 Aug 2020 07:54 PM (IST)Updated: Tue, 25 Aug 2020 07:54 PM (IST)
भारत और वियतनाम ने क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर बातचीत की, विदेश मंत्री ने निवेश के लिए किया आमंत्रित

नई दिल्‍ली, एएनआइ। भारत और वियतनाम ने मंगलवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से व्यापार, आर्थिक, वैज्ञानिक और तकनीकी सहयोग बढ़ाने के लिए बातचीत की। भारत और वियतनाम संयुक्त आयोग की 17 वीं बैठक की सह अध्यक्षता विदेश मंत्री एस जयशंकर और वियतनाम के उप प्रधानमंत्री व विदेश मामलों के मंत्री फाम बिन्ह मिन्ह ने की। विदेश मंत्रालय के जारी बयान में सह अध्यक्षों ने पारस्परिक हित के क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया, खासकर COVID-19 महामारी के प्रकोप के संदर्भ में। विदेश मंत्री ने वियतनाम को भारत की नई आर्थिक क्षमताओं और मांगों का लाभ उठाने के लिए आमंत्रित किया। 

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दक्षिण चीन सागर में चीन ने बढ़ाई वियतनाम की बेचैनी

चीन भारत की तरह वियतनाम के लिए परेशानी का सबब बन गया है और उसकी सीमा का अतिक्रमण करता रहता है। पिछले दिनों वियतनाम ने दक्षिण चीन सागर में की जा रही चीन के सैन्‍य अभ्‍यास का जबरदस्‍त विरोध किया था। उसकी तरफ से कहा गया था कि ये सैन्‍य अभ्‍यास आसियान देशों के लिए हानिकारक है। वियतनाम के अलावा फिलीपींस ने भी चीन का विरोध करते हुए उसको आगाह किया है कि इस तरह की कार्रवाई से दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों में असुरक्षा की भावना व्‍याप्‍त हो जाएगी। फिलीपींस की तरफ से बीते दिनों एक सम्‍मेलन के दौरान ये बातें कही गई थीं। इस चिंता के बीच चीन विवादित जलमार्ग में अपनी गतिविधि को बढ़ाने के लिए कोरोनोवायरस महामारी के आवरण का उपयोग कर रहा है। आपको बता दें कि चीन ने पिछले महीने दक्षिण चीन सागर में बुधवार से पांच दिन चलने वाले सैन्‍य अभ्‍यास किया था। ये अभ्‍यास पेरासेल द्वीप के पास किया गया। इस क्षेत्र पर वियतनाम दावा जताता रहा है।

वियतनाम ने जताया कड़ा विरोध

वियतनाम के विदेश मंत्रालय की तरफ से कहा गया था कि चीन द्वारा किया जा रहा सैन्‍य अभ्‍यास वियतनाम की सुंप्रभुता का गंभीर उल्‍लंघन है। मंत्रालय के प्रवक्‍ता ली थी हू थंग ने कहा कि इस तरह के सैन्‍य अभ्‍यास से हालात और खराब हो जाएंगे जो सभी के लिए खतरनाक होगा। वियतनाम ने इस अभ्‍यास को रोकने के लिए कूटनीतिक तरीका अपनाते हुए चीन से अपना विरोध जताया। थंग ने कहा कि हमने चीन से ऐसा न करने को कहा है। 


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