भारत-रूस रक्षा सहयोग को और मजबूत बनाने पर सहमत, शोयगु दिल्ली के अहम दौरे पर
भारत रूस पर जोर दे रहा है कि वह प्रमुख रक्षा प्लेटफार्मो के लिए प्रौद्योगिकी साझा करने में उदार रवैया अपनाए।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। भारत और रूस की सरकार ने गुरुवार को दोनों देशों के बीच इंटरगर्वनमेंटल कमीशन ऑन मिलिट्री और मिलिट्री टेक्निकल कोऑपरेशन (आईआरआईजीसी-एमटीसी) को स्थापित करने का फैसला किया है। यह फैसला रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने रूसी समकक्ष सेर्गेई शोयगु से राजधानी दिल्ली में हुई मुलाकात के दौरान किया है। दोनो देशों के बीच रक्षा सहयोग और आपसी तालमेल को बढ़ावा देने के लिए यह अहम कदम लिया गया है।
भारत द्वारा अक्टूबर में रूस से एस-400 वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली खरीद के बाद अब दोनों ही पक्षों ने जल्द ही विभिन्न सैन्य प्लेटफार्मों के लिए बातचीत में तेजी लाने का फैसला किया है। रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने यहां कहा कि बातचीत के दौरान दोनों ही पक्ष द्विपक्षीय रक्षा सहयोग को और मजबूत बनाने पर सहमत हुए है। यह मुलाकात ऐसे वक्त में हुई है जब भारत पर अमेरिकी कानून काउंटरिंग अमेरिकाज एडवर्सरीज थ्रू सेंक्शन एक्ट (काटसा) के प्रतिबंध की तलवार लटक रही है।
रुसी रक्षा मंत्री शोयगु की भारत यात्रा इसलिए भी अहम है क्योंकि दोनों ही देशों ने गोवा में भारतीय नौसेना के लिए दो युद्ध पोत बनाने पर भी करार कुछ दिनों पहले ही किया है। वही दूसरी ओर रूस भारत को हथियारों और गोला-बारुदों की आपूर्ति करने वाले प्रमुख देशों में शामिल है।
हालांकि, लंबे समय से सशस्त्र बलों की मांग रही है कि रूस से विभिन्न अहम उपकरण आने में काफी लंबा समय लग जाता है। इससे रूस से खरीदी वाली सैन्य प्रणालियों का रखरखाव प्रभावित होता है।
भारत रूस पर जोर दे रहा है कि वह प्रमुख रक्षा प्लेटफार्मो के लिए प्रौद्योगिकी साझा करने में उदार रवैया अपनाए। क्योंकि उन्हें अभियान के लिए तैयार रखना महत्वपूर्ण है। बता दें कि भारत की ज्यादातर हथियार प्रणालियां रूसी मूल की हैं।
वही इस मुलाकात में मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत भारत- रूस संयुक्त औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा देने पर भी चर्चा हुई। इससे पहले इसी वर्ष रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण भी रुस के दौरे पर गई थी।-