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सरहद पर तनाव के बीच एक मंच साझा करेंगे भारत-पाकिस्‍तान और चीन, ये होगा एजेंडा

भारतीय राजदूत गौतम बंबावले ने कहा कि चीन में होने वाले एससीओ समिट में पहली बार भारत औऱ पाकिस्तान पूर्ण सदस्य के रूप में भाग ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से आतंकवाद समिट की चर्चाओं का बड़ा हिस्सा होगा।

By Vikas JangraEdited By: Published: Fri, 08 Jun 2018 10:20 AM (IST)Updated: Fri, 08 Jun 2018 12:25 PM (IST)
सरहद पर तनाव के बीच एक मंच साझा करेंगे भारत-पाकिस्‍तान और चीन, ये होगा एजेंडा
सरहद पर तनाव के बीच एक मंच साझा करेंगे भारत-पाकिस्‍तान और चीन, ये होगा एजेंडा

नई दिल्ली [एजेंसी]। भारत और पाकिस्तान पहली बार चीन के एससीओ समिट में एक मंच पर आमने-सामने होेंगे। इस दौरान आतंकवाद चर्चाओं का एक बड़ा मुद्दा होगा। ये कहना है चीन में भारत के राजदूत गौतम बंबावले का। उन्होंने कहा कि ये संभव है कि दोनों देशों (भारत-पाक) के बीच भी इस अहम मुद्दे पर चर्चा हो। हालांकि, बंबावले ने कहा कि समिट के दौरान भारत-पाक के बीच कोई औपचारिक बैठक नहीं होगी लेकिन दोनों देशों के नेता समिट से इतर बातचीत कर सकते हैं। गौतम बंबावले ने कहा कि दोनों देश पहली बार पूर्ण सदस्य के रूप में समिट में भाग ले रहे हैं। गौरतलब है कि पिछले वर्ष ही भारत-पाकिस्तान को SCO की पूर्ण सदस्यता मिली है। 

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इससे पहले गौतम बंबावले ने चीन को लेकर कहा कि भारत और चीन मतभेदों के बावजूद सुनिश्चित करेंगे कि दोनों देश मिलकर लगातार प्रगति और समृद्धि के लिए काम करें। भारतीय राजदूत ने यह बयान ऐसे समय में दिया है जब इसी सप्ताह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग शंघाई सहयोग सम्मेलन (एससीओ) से इतर द्विपक्षीय वार्ता करने वाले हैं।

चीन के सरकारी टेलीविजन को दिए साक्षात्कार में बंबावले ने कहा कि भारत और चीन विकास के पथ पर एक-दूसरे से कभी जुदा नहीं हो सकते हैं। आपको बता दें कि मोदी चीन के क्विंगदाओ में 9-10 जून को होने वाले एससीओ सम्मेलन में शामिल होंगे। चीन के शहर वुहान में चिनफिंग से अनौपचारिक मुलाकात के एक महीने बाद फिर से दोनों नेता मिलने जा रहे हैं।

बंबावले ने वुहान की मुलाकात को दोनों नेताओं के बीच का 'रणनीतिक संवाद' बताया। उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि राष्ट्रपति चिनफिंग और प्रधानमंत्री मोदी के बीच वुहान में अनौपचारिक मुलाकात दोनों देशों के बीच सहयोग ब़़ढाने का प्रयास था।'

भारतीय राजदूत ने कहा कि वुहान में बातचीत से दोनों नेता एक आम सहमति पर पहुंचे हैं। पहली और सबसे महत्वपूर्ण सहमति है कि भारत और चीन प्रगति और आर्थिक विकास में एक-दूसरे के सहयोगी हैं। दूसरी महत्वपूर्ण सहमति यह है कि भारत और चीन के बीच मतभेदों से ज्यादा समानताएं हैं।

हम समानताओं पर काम करेंगे
भारतीय राजनयिक ने कहा कि हम दोनों देशों के बीच समानताओं पर काम करेंगे। निश्चय ही हमारे बीच कुछ मतभेद हैं। लेकिन, हम मतभेदों के साथ यह सुनिश्चित करने के लिए काम करेंगे कि दोनों देश एक साथ प्रगति और समृद्धि हासिल करें। हम एक-दूसरे से अलग होने वाले नहीं हैं। हम इसे साथ करने वाले हैं।' उन्होंने कहा कि आज की दुनिया में एक साथ जीने की कला सीखना महत्वपूर्ण संदेश है। 


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