Move to Jagran APP

जिसमें इंसानियत होती है, वह अच्छा हिंदू होता है : शशि थरूर

शास्त्रों के मुताबिक, भगवान राम को लोगों को अपने दिल में बसाना चाहिए। राम मंदिर आंदोलन के जोर पकड़ने के बीच यह टिप्पणी कांग्रेस नेता शशि थरूर ने की।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Sun, 04 Nov 2018 11:57 PM (IST)Updated: Sun, 04 Nov 2018 11:57 PM (IST)
जिसमें इंसानियत होती है, वह अच्छा हिंदू होता है : शशि थरूर
जिसमें इंसानियत होती है, वह अच्छा हिंदू होता है : शशि थरूर

नई दिल्ली, प्रेट्र। कोई भी हिंदू धर्म ग्रंथ हिंसा के इस्तेमाल की इजाजत नहीं देता। शास्त्रों के मुताबिक, भगवान राम को लोगों को अपने दिल में बसाना चाहिए। राम मंदिर आंदोलन के जोर पकड़ने के बीच यह टिप्पणी कांग्रेस नेता शशि थरूर ने की।

prime article banner

एक समाचार एजेंसी को दिए साक्षात्कार में कांग्रेस सांसद ने कहा, 'अगर राम आपके दिल में बसे हैं तो फिर इसका कोई मायने नहीं है कि वह कहां हैं और कहां नहीं हैं, क्योंकि वह हर जगह विद्यमान हैं'। जब थरूर से उनके उस बयान के बारे में पूछा गया, जिसमें उन्होंने कहा था कि कोई भी अच्छा हिंदू विवादित स्थल पर मंदिर बनाना नहीं चाहेगा।

इस पर उन्होंने कहा, 'मैं केवल यह कहना चाहता हूं कि क्या कोई हिंदू ऐसी पवित्र जगह पर हिंसक कृत्य की कीमत पर मंदिर बनवाना चाहेगा। एक अच्छा हिंदू कानून का पालन करने वाला होता है। एक अच्छा हिंदू वह होता है, जिसमें इंसानियत होती है।


इशारों में वाजपेयी और आडवाणी को बताया अच्छा हिंदू
उन्होंने कहा, 'मैं ऐसे बहुत से अच्छे हिंदुओं को जानता हूं, जो भगवान राम के जन्म स्थान पर मंदिर बनवाना चाहते हैं, लेकिन बहुत से अच्छे हिंदू ऐसा करने के लिए दूसरे धर्म के पूजास्थल को ध्वस्त नहीं करना चाहते हैं। लगभग यही बात अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी ने भी कही है।' बातचीत के दौरान थरूर ने आडवाणी की उस टिप्पणी का भी जिक्र किया, जिसमें उन्होंने विवादित स्थल गिरने के बाद उसे 'अपनी जिंदगी का सबसे दुखद दिन' करार दिया था।

नहीं जानता, विवादित जमीन पर भगवान राम का मंदिर था या नहीं
जब उनसे पूछा गया कि बहुसंख्यक समाज विवादित जमीन पर राम मंदिर देखना चाहता है और इसके पक्ष में सुबूत भी हैं तो थरूर ने कहा कि अब यह मुद्दा पूरी तरह अकादमिक विमर्श का है।
हालांकि यह बात सही है कि वहां पर मंदिर था। मगर यह मंदिर भगवान राम का था या नहीं, यह मैं नहीं जानता। खुदाई के दौरान नीचे खंभे मिले थे, लेकिन उस दौर में कई मंदिर ध्वस्त करके उनकी जगह मस्जिदों का निर्माण किया गया था। इस मुद्दे पर मैं ऐतिहासिक विमर्शो को कोई चुनौती नहीं दे रहा हूं, क्योंकि यह बहस पूरी हो चुकी है। अब यह पूरी तरह से अकादमिक विमर्श का मुद्दा रह गया है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.