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कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में सोनिया गांधी ने पढ़ाया पार्टी में अनुशासन और एकता का पाठ

पार्टी में बिना सलाह-मशविरा हो रहे फैसले से नाराज वरिष्ठ नेताओं और कांग्रेस शासित राज्यों में अंदरूनी कलह से घिरीं कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मंगलवार को पार्टी नेताओं को एक बार फिर अनुशासन और एकता का पाठ पढ़ाया। उन्होंने कहा कि पार्टी में अनुशासन और एकता बेहद आवश्यक है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Tue, 26 Oct 2021 08:58 PM (IST)Updated: Wed, 27 Oct 2021 09:42 AM (IST)
कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में सोनिया गांधी ने पढ़ाया पार्टी में अनुशासन और एकता का पाठ
कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी

 नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। पार्टी में बिना सलाह-मशविरा हो रहे फैसले से नाराज वरिष्ठ नेताओं और कांग्रेस शासित राज्यों में अंदरूनी कलह से घिरीं कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मंगलवार को पार्टी नेताओं को एक बार फिर अनुशासन और एकता का पाठ पढ़ाया। उन्होंने कहा कि पार्टी में अनुशासन और एकता बेहद आवश्यक है। हममें से हरेक व्यक्ति के लिए संगठन की मजबूती जरूरी है। इसके लिए सभी को निजी महत्वाकांक्षाओं से ऊपर उठकर पार्टी की मजबूती के लिए काम करना होगा। हम सभी की सामूहिक और व्यक्तिगत दोनों ही सफलताएं इनमें निहित हैं। सोनिया गांधी ने 10 दिन पहले बुलाई गई कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में भी नेताओं को एकता और अनुशासन की घुट्टी पिलाई थी।

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पार्टी महासचिवों, प्रदेश प्रभारियों और प्रदेश अध्यक्षों के साथ बैठक में पढ़ाया एकता का पाठ

कांग्रेस अध्यक्ष मंगलवार को पार्टी के महासचिवों, प्रदेश प्रभारियों और प्रदेश अध्यक्षों के साथ पार्टी के सदस्यता अभियान सहित आने वाले दिनों में पंजाब, उत्तर प्रदेश सहित पांच राज्यों में होने वाले चुनावों को लेकर चर्चा कर रही थीं। बैठक में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी महासचिव और उत्तर प्रदेश में पार्टी की मजबूती के लिए सक्रिय प्रियंका गांधी वाड्रा भी मुख्य रूप से मौजूद थीं। बताते हैं कि सोनिया गांधी ने राज्यों में पार्टी नेताओं के बीच स्पष्टता और सामंजस्य की कमी को लेकर नाखुशी जताई। कहा कि देश के सामने खड़े मुद्दों को लेकर कांग्रेस लगभग हर दिन महत्वपूर्ण और विस्तृत बयान जारी करती है। लेकिन मेरा अनुभव है कि यह बात ब्लाक और जिला स्तर के जमीनी कार्यकर्ताओं तक नहीं पहुंच पाती है।

राज्यों में नेताओं के बीच सामंजस्य की कमी पर जताई नाराजगी

इतना ही नहीं, कुछ नीतिगत मुद्दों पर पार्टी के राज्य स्तर के नेताओं के बीच सामंजस्य की कमी दिखती है। खास बात यह है कि कांग्रेस की मौजूदा समय में पंजाब, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में सरकारें हैं। तीनों राज्यों में अंदरूनी कलह मची है। पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह ने जल्द ही नई पार्टी बनाने का एलान कर रखा है। मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच भी खींचतान चल रही है। छत्तीसगढ़ में ढाई-ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री पद को लेकर पार्टी के वरिष्ठ नेता टीएस सिंहदेव मोर्चा खोले हुए हैं। राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पार्टी के वरिष्ठ नेता सचिन पायलट के बीच विवाद जगजाहिर ही है। केंद्रीय नेतृत्व इनमें आपसी सुलह कराने में जुटा हुआ है।

सोनिया गांधी ने की पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों को लेकर चर्चा

पार्टी पदाधिकारियों से चर्चा में सोनिया गांधी ने कहा कि भाजपा और आरएसएस के द्वेषपूर्ण अभियान से कांग्रेस को वैचारिक रूप से और मजबूती से लड़ना है। अगर हम यह लड़ाई जीतना चाहते हैं तो हमें उनके झूठ का जनता के सामने पर्दाफाश करना होगा। हमें इसके लिए अपने कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित भी करना होगा। सोनिया गांधी ने इस दौरान पंजाब, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड सहित पांच राज्यों में होने वाले चुनावों को लेकर भी चर्चा की। साथ ही पार्टी पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि राज्यों में हमारा अभियान प्रदेश के लोगों के साथ चर्चा के आधार पर बनाई गई ठोस नीतियों और कार्यक्रमों पर आधारित होना चाहिए। उन्होंने पार्टी पदाधिकारियों से एक नवंबर से शुरू हो रहे पार्टी के सदस्यता अभियान में जुटने को कहा, जो 31 मार्च तक चलेगा।


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