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अब महाराष्‍ट्र के भाजपा शासित निकाय में सीएए और एनआरसी के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया

महाराष्ट्र के परभणी जिले में भाजपा शासित सेलू नगरपालिका परिषद ने CAA) और नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन यानी NRC के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Mon, 02 Mar 2020 08:04 PM (IST)Updated: Mon, 02 Mar 2020 08:14 PM (IST)
अब महाराष्‍ट्र के भाजपा शासित निकाय में सीएए और एनआरसी के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया
अब महाराष्‍ट्र के भाजपा शासित निकाय में सीएए और एनआरसी के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया

औरंगाबाद, पीटीआइ। महाराष्ट्र के परभणी जिले में भाजपा शासित सेलू नगरपालिका परिषद ने सर्वसम्मति से नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) और नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन (NRC) के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया है। परिषद के चेयरमैन विनोद बोराडे ने सोमवार को कहा कि नगर परिषद में तीन मनोनीत सदस्य समेत 27 पार्षद हैं। बोराडे ने बताया कि बिना किसी विरोध के 28 फरवरी को बहुमत से प्रस्ताव पारित कर दिया गया।

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बोराडे ने यह भी कहा कि स्थानीय जनता, जनप्रतिनिधि भी इस कदम के समर्थन में हैं। चेयरमैन ने कहा कि दो दिनों पहले उन्होंने बैठक बुलाई थी। राकांपा, कांग्रेस और मुस्लिम समुदाय के सात पार्षदों ने मांग की थी इसलिए प्रस्ताव पारित किया गया।

पिछले साल दिसंबर में संसद ने सीएए पर मुहर लगाई थी। नागरिकता संशोधन कानून पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से धार्मिक उत्पीड़न के कारण 31 दिसंबर 2014 से पहले आए गैर मुस्लिम शरणार्थियों को भारत की नागरिकता देने का प्रावधान करता है। इस कानून के लागू होते ही देश के कई हिस्सों में इसका विरोध शुरू हो गया। केंद्र की भाजपा की अगुआई वाली सरकार के बार-बार दोहराए जाने के बाद कि इससे किसी की नागरिकता नहीं छीनी जाएगी, विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है।

मालूम हो कि महाराष्ट्र में भाजपा की पूर्व की सहयोगी रही शिवसेना की सरकार है। राज्‍य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पहले ही साफ कर चुके हैं कि नागरिकता संशोधन कानून से किसी को डरने की जरूरत नहीं है। यही नहीं शिवसेना प्रमुख यह भी साफ कर चुके हैं कि महाराष्ट्र में एनपीआर की प्रक्रिया को उनकी सरकार आगे बढ़ाएगी। महाराष्‍ट्र में टकराव का आलम यह है कि एक ओर राकांपा और कांग्रेस CAA और NPR का खुलकर विरोध कर रही हैं जबकि दूसरी ओर उद्धव सरकार इसके समर्थन में है। 


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