मध्य प्रदेश में पत्थरबाजों के साथ उकसाने वालों से भी होगी नुकसान की वसूली
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने भी अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि कानून सख्त बनाया जाए। किसी को भी लोक और निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने पर बख्शा नहीं जाएगा। गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा भी कह चुके हैं कि जहां से भी पत्थर आएंगे वहां कार्रवाई होगी।
भोपाल, राज्य ब्यूरो। हड़ताल, बंद, दंगा या अन्य हिंसक प्रदर्शन में पत्थरबाजी करके सरकारी और निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों से मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार सख्ती से निपटेगी। इसके लिए सख्त कानून के प्रारूप पर चर्चा के लिए शुक्रवार को वरिष्ठ अधिकारियों ने बैठक की। गृह विभाग ने प्रस्तावित अधिनियम का प्रारंभिक प्रारूप तैयार कर लिया है। इसमें पत्थरबाजों के साथ, लोगों को इसके लिए उकसाने वालों से भी नुकसान की वसूली का प्रविधान किया जाएगा। नुकसान का आकलन दावा अधिकरण (अपर कलेक्टर स्तर का अधिकारी) करेगा। उसे आयकर विभाग की तरह मूल्यांकनकर्ता भी नियुक्त करने का अधिकार होगा। निजी संपत्ति को नुकसान होने की स्थिति में सरकार ही मुआवजा दिलाएगी। इसके लिए प्रभावित व्यक्ति को आवेदन नहीं करना होगा।
अधिनियम के प्रारूप को अगले सप्ताह मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सामने प्रस्तुत किया जाएगा। विधानसभा के फरवरी-मार्च 2021 में होने वाले बजट सत्र में इससे संबंधित विधेयक प्रस्तुत किए जाने की योजना है। गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ.राजेश राजौरा की अध्यक्षता में मंत्रालय में अधिनियम के मसौदे को लेकर शुक्रवार को गहन विचार-विमर्श किया गया। विभाग ने उत्तर प्रदेश, कनार्टक और महाराष्ट्र के इससे संबंधित अधिनियमों का अध्ययन कराया है।
निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले को नहीं बख्शा जाएगा: शिवराज चौहान
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने भी अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि कानून सख्त बनाया जाए। किसी को भी लोक और निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने पर बख्शा नहीं जाएगा। गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा भी कह चुके हैं कि जहां से भी पत्थर आएंगे, वहां कार्रवाई होगी। सूत्रों का कहना है कि अभी लोक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने पर पांच साल तक की सजा का प्रविधान 1984 के कानून में है।
वहीं, भारतीय दंड संहिता में बलवा, दंगा और हिंसात्मक गतिविधियों पर कार्रवाई के प्रविधान हैं पर पत्थरबाजी इसमें शामिल नहीं है। निजी संपत्ति को नुकसान होने पर कार्रवाई व नुकसान के भरपाई के लिए भी व्यवस्था नहीं है। सरकार प्रस्तावित अधिनियम में हड़ताल, बंद, दंगा या अन्य हिंसात्मक प्रदर्शन से लोक या निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचने पर प्रतिकर (मुआवजा) दिलवाएगी। इसके लिए बनाया जाने वाला दावा अधिकरण जो आदेश पारित करेगा, उसकी भू-राजस्व की तरह ही वसूली होगी। यदि राशि नहीं चुकाई जाती है तो संपत्ति की नीलामी करके वसूली की जाएगी। सामूहिक पत्थरबाजी के साथ महिला और बच्चों को आगे करके पत्थरबाजी करने के मामले में सख्त कार्रवाई होगी। पत्थरबाजी के लिए लोगों को उकसाने वाले की भी जिम्मेदारी तय करके उससे भी वसूली की जाएगी। बैठक में प्रमुख सचिव विधि एवं विधायी सत्येंद्र कुमार सिंह और पुलिस मुख्यालय के अधिकारी मौजूद थे।
यह रहेंगे प्रविधान
- प्रदर्शन में शामिल लोगों पर एक समान जिम्मेदारी तय होगी।
- केस की सुनवाई सिविल कोर्ट में नहीं होगी।
- संज्ञेय होगा अपराध।
- प्रतिकर के साथ साधारण ब्याज भी वसूल किया जा सकता है।
- तीन माह में सुनवाई करके सुनाना होगा फैसला।