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मध्यप्रदेश उपचुनाव में 'मैया' लगाएंगी नैया पार, पढ़ें- नवरात्र में प्रत्याशी क्या कुछ कर रहे हैं खास

यह उपचुनाव जीतना भाजपा और कांग्रेस दोनों के लिए ही नाक का सवाल है। जिस तरह से कमल नाथ सरकार गिरी और 15 महीने में शिवराज सिंह चौहान की मुख्यमंत्री के रूप की वापसी हुई दोनों ही पार्टी अपने प्रत्याशियों को जिताने के लिए जोर लगा रही हैं।

By Nitin AroraEdited By: Published: Thu, 15 Oct 2020 05:57 PM (IST)Updated: Thu, 15 Oct 2020 05:57 PM (IST)
मध्यप्रदेश उपचुनाव में 'मैया' लगाएंगी नैया पार, पढ़ें-  नवरात्र में प्रत्याशी क्या कुछ कर रहे हैं खास
मध्यप्रदेश उपचुनाव में 'मैया' लगाएंगी नैया पार।

भोपाल, जेएनएन। मध्य प्रदेश में विधानसभा की 28 सीटों के उपचुनाव और शारदीय नवरात्र का संयोग इस बार धार्मिक रूप से बहुत विशेष होने जा रहा है। मतदाताओं का आशीर्वाद पाने के लिए अब देवी को मनाने दीप प्रज्ज्वलन से लेकर अनुष्ठान का बोलबाला रहेगा। कोरोना काल में जनता से सीधा संपर्क थोड़ा मुश्किल है ऐसे में 'मैया' ही प्रत्याशियों की नैया पार लगाएंगी। चुनावी मौसम में नवरात्र का संयोग प्रत्याशियों के लिए पूजा-पाठ का स्वर्णिम अवसर सिद्ध हो सकता है इसलिए वे अपनी जीत के लिए आगर-मालवा के नलखेड़ा स्थित मां बगलामुखी धाम और दतिया स्थित पीतांबरा पीठ सहित कई गुा तांत्रिक स्थानों पर अर्जी भी लगा चुके हैं। 

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उम्मीदवारों ने नवरात्र के पहले दिन शनिवार से जीत के संकल्प के साथ अनुष्ठान की शुरआत के लिए पंडितों को भी पाबंद कर दिया है। हालांकि मंदिरों में प्रत्याशी के नाम की सिर्फ ज्योति सेवा होगी। अनुष्ठान गोपनीय स्थानों पर किए जाएंगे।

त्रिशक्ति माता बगलामुखी 'शत्रुनाशक' देवी मानी जाती हैं। मुकदमा एवं अन्य क्षेत्रों में विजय के लिए लोग माता की आराधना करते हैं। पीतांबरा पीठ की भी कुछ ऐसी ही मान्यता है इसलिए चुनाव जीतने के लिए दोनों स्थानों पर अनुष्ठान होते हैं। इस बार भाजपा प्रत्याशियों ने अनुष्ठान की तैयारी में भी बाजी मार ली है। टिकट मिलते ही प्रत्याशियों ने मां बगलामुखी के अनुष्ठान में निपुण पंडितों को पाबंद कर दिया है। ये पंडित नवरात्र में यजमान (प्रत्याशी) की ओर से जाप और हवन करेंगे। यजमान संकल्प देने के बाद केवल पूर्णाहुति में शामिल होंगे। 

कोरोना संक्रमण को देखते हुए इस बार मंदिरों में बड़े अनुष्ठान नहीं किए जा सकते, इसलिए पंडित अपने या यजमान के किसी निकट संबंधी के घर माता का दरबार सजाएंगे। नलखेड़ा में अनुष्ठान कराने वाले पंडित कैलाश नारायण व्यास बताते हैं कि अनुष्ठान तो होंगे, पर मंदिर में नहीं। वहां सिर्फ ज्योति प्रज्ज्वलित होगी। अनुष्ठान की व्यवस्था अलग से है। वे यह भी कहते हैं कि अनुष्ठान कराना आस्था और विश्वास की बात है, इसलिए किसी भी यजमान का नाम बताना उचित नहीं है। वहीं पंडित जेपी शर्मा बताते हैं कि वे एक प्रत्याशी के लिए अनुष्ठान कर रहे हैं, पर उसकी जगह गोपनीय है।

माता का आशीर्वाद लेकर प्रचार शुरू

मालवा अंचल में नलखेड़ा, तो बुंदेलखंड में पीतांबरा शक्ति पीठ दतिया मां बगलामुखी का स्थान है। दोनों ही जगह भाजपा और कांग्रेस प्रत्याशियों ने माता का आशीर्वाद लेकर चुनाव प्रचार शुरू कर दिया है।

बड़े नेता भी नतमस्तक

यह उपचुनाव जीतना भाजपा और कांग्रेस दोनों के लिए ही 'नाक' का सवाल है। जिस तरह से कमल नाथ सरकार गिरी और 15 महीने में शिवराज सिंह चौहान की मुख्यमंत्री के रूप की वापसी हुई, दोनों ही पार्टी अपने प्रत्याशियों को जिताने के लिए जोर लगा रही हैं। उपचुनाव की घोषणा के ठीक पहले पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ भी माता के चरणों में मत्था टेक कर आ चुके हैं। कमल नाथ 12 सितंबर को नलखेड़ा गए थे।


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