पीएम मोदी ने बोला बड़ा हमला, कहा-वामपंथी भारतीय संस्कृति व अध्यात्मिकता का आदर नहीं करते
PM Narendra Modi ने सबरीमाला मुद्दे पर केरल की वामपंथी सरकार पर जबरदस्त हमला किया है। उन्होंने कहा कि वामपंथी भारत की संस्कृति और अध्यात्मिकता का आदर नहीं करते हैं।
कोल्लम, प्रेट्र। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सबरीमाला मुद्दे पर केरल की वामपंथी सरकार पर जबरदस्त हमला किया है। उन्होंने कहा कि वामपंथी भारत की संस्कृति और अध्यात्मिकता का आदर नहीं करते हैं।
माकपा के नेतृत्व वाली एलडीएफ सरकार और यूडीएफ के नेतृत्व वाले विपक्षी दलों पर प्रहार करते हुए प्रधानमंत्री ने मंगलवार को कहा कि दोनों वामपंथी मोर्चे एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। उन्होंने राज्य के लोगों की भावनाओं का अनादर करने का आरोप लगाया।
मोदी ने एक जनसभा में कहा कि हम जानते हैं कि वामपंथी भारत की संस्कृति, इतिहास और अध्यात्मिकता का आदर नहीं करते हैं। उन्होंने कहा कि सबरीमाला मंदिर के मुद्दे पर कांग्रेस का बहुआयामी रुख है। वह संसद में एक बात कहते हैं और पत्तनमतित्ता (भगवान अयप्पा के मंदिर का स्थान) में दूसरी बात कहते हैं।
मंगलवार को ही केरल पहुंच कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेशनल हाइवे-66 के बहुप्रतीक्षित बाइपास का उद्घाटन किया। 13 किलोमीटर लंबे इस दो लेन के बाइपास को बनाने की लागत 352 करोड़ रुपये है।
इस बाइपास के कारण केरल में अलपुझा से तिरुवनंतपुरम जाने में अब कम समय लगेगा। कोल्लम जिले में इसे यातायात व्यवस्थित होने की उम्मीद है। इस बाइपास पर तीन प्रमुख पुल बनाए गए हैं जिसमें से एक अश्तिामुडी झील पर स्थित है। इस झील की कुल लंबाई 1540 मीटर है। बाइपास का उद्घाटन करते हुए मोदी ने कहा कि सड़कें और ब्रिज शहरों और गांवों को जोड़ने का काम करते हैं। यह लोगों की अपेक्षाओं को उपलब्धियों और उम्मीदों को अवसरों से जोड़ते हैं।
उन्होंने कहा कि अक्सर देखा गया है कि आधारभूत ढांचे से जुड़ी परियोजनाएं विभिन्न कारणों से ठप हो जाती है। जनता का धन व्यर्थ होने से इन परियोजनाओं की लागत बढ़ जाती है और उनके पूरे होने में समय भी अधिक लग जाता है। हमने यह तय किया कि जनता के पैसे को बर्बाद करने की यह संस्कृति अब और नहीं चल सकती है। हमें यह जानकार आश्चर्य हुआ कि कई परियोजनाएं बीस से तीस सालों से लंबित हैं। लंबे अरसे तक आम आदमी को इन परियोजनाओं के लाभ से वंचित रखना अपराध है।
उन्होंने बताया कि जब केंद्र में उनकी सरकार बनी तो केवल 56 फीसद गांव ही सड़कों से जुड़े हुए थे। आज सड़कों की यह कनेक्टिविटी 90 फीसद से अधिक है। हम आश्वस्त हैं कि सौ फीसद का लक्ष्य हम जल्द ही हासिल कर लेंगे।