छत्तीसगढ़ की राजनीति में समय-समय पर सामने आए कई सीडी कांड
छत्तीसगढ़ की सियासत में सीडी के जरिए सुर्खियां बटोरने और एक-दूसरी की छवि खराब करने की परंपरा नेताओं के बीच पुरानी रही है।
रायपुर (जेेएनएन)। छत्तीसगढ़ की सियासत में सीडी के जरिए सुर्खियां बटोरने और एक-दूसरी की छवि खराब करने की परंपरा नेताओं के बीच पुरानी रही है। यहां समय-समय पर कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जिन्होंने देशभर में जमकर सुर्खियां बटोरीं। देश में आईटी तकनीक की शुरुआत के करीब एक दशक बाद राज्य में पहला सीडी कांड फूटा था। हालांकि यह सीडी वायरल नहीं हो पाई और मामला दब कर रह गया। इसके बाद साल दर साल कई सीडी कांड सामने आए।
कांग्रेस मंत्री की सीडी (2002)
कांग्रेस सरकार में राज्यमंत्री रहे एक नेता की अश्लील सीडी सुर्खियों में रही। यह सीडी सार्वजनिक नहीं हुई, लेकिन चर्चा है कि आज तक कई लोगों के पास वह सीडी सुरक्षित है।
जूदेव सीडी कांड (2003)
राज्य के पहले विधानसभा चुनाव में अपनी मूंछ दांव पर लगा कर सुर्खियों में आए भाजपा के तत्कालीन कद्दावर नेता और केंद्र में पर्यावरण एवं वन मंत्री रहे स्व. दिलीप सिंह जूदेव की 2003 में रिश्वत लेते हुए सीडी जारी हुई थी। दिल्ली के होटल में उनका यह स्टिंग किया गया था। इस सीडी में जूदेव का डायलॉग 'पैसा खुदा तो नहीं पर खुदा से कम नहीं' लंबे समय तक चर्चित रहा।
खरीद-फरोख्त कांड (2003)
राज्य के पहले विधानसभा चुनाव का परिणाम कांग्रेस के खिलाफ आया। इसी दौरान भाजपा विधायकों की खरीद-फरोख्त का एक स्टिंग हुआ। भाजपा के करीब दर्जनभर विधायकों को खरीदने की कोशिश हुई थी।
सवाल के बदले पैसा (2005)
संसद में सवाल पूछने के बाद पैसे लेने वाले सांसदों के चर्चित स्टिंग में राजनांदगांव से भाजपा सांसद प्रदीप गांधी का भी नाम था। सीडी की वजह से गांधी की कुर्सी चली गई और राजनीतिक कैरियर हाशिए पर आ गया।
नेत्री का एमएमएस (2005)
2005 में एमएमएस जारी हुआ, इसे प्रदेश की एक भाजपा नेत्री का बताया गया। बाद में यह एमएमएस फर्जी निकला, लेकिन इसकी चर्चा लंबे समय तक रही।
जग्गी हत्याकांड (2008)
एनसीपी नेता रामअवतार जग्गी हत्याकांड मामले में कोर्ट का फैसला आने के बाद दोषी करार दिए गए एक आरोपी के भाई ने एक सीडी जारी की। भाई ने मामले के मुख्य आरोपी को बरी किए जाने के एवज में लेनदेन का आरोप लगाया था।
इंदिरा बैंक सीडी (2013)
इंदिरा प्रियदर्शिनी बैंक घोटाले में बैंक के तत्कालीन मैनेजर उमेश सिन्हा के नार्को टेस्ट की सीडी जारी हुई। इसमें सत्ता पक्ष के कई लोगों के नाम थे।
अंतागढ़ टेपकांड (2013)
अंतागढ़ विधानसभा उपचुनाव को लेकर कांग्रेस ने 2016 में एक सीडी जारी की। यह कथित तौर पर चुनाव में कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशी मंगतूराम पवार से चुनाव नहीं लड़ने के एजव में सौदेबाजी करने की थी।
मंत्री की कथित अश्लील सीडी (2017)
पिछले साल अक्टूबर में यह मामला सामने आया। कांग्रेस ने एक सीडी जारी की। इस मामले की सीबीआइ जांच हुई और ब्यूरो ने पिछले ही महीने कोर्ट में चालान पेश किया।
सीट के लिए टिकट खरीद फरोख्त (2018)
ताजा सीडी कांड प्रदेश की दो विधानसभा सीटों के लिए टिकट की खरीद फरोख्त से जुड़ा हुआ है। इस सीडी में एक कांग्रेस नेता नजर आ रहे हैं, जो अपने वरिष्ठ नेता से फोन पर किसी खास को टिकट देने और फायदे नुकसान की बात करते दिख रहे हैं।