Move to Jagran APP

Ayodhya land dispute case: आज से एक घंटे ज्‍यादा देर तक चलेगी सुनवाई, मुस्लिम पक्ष रखेगा दलीलें

Ayodhya land dispute case में सुप्रीम कोर्ट आज से एक घंटे ज्‍यादा देर तक सुनवाई करेगा। अदालत ने पिछले हफ्ते पक्षकारों से कहा था कि कोशिश करें कि सुनवाई 18 अक्टूबर तक पूरी हो जाए।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Mon, 23 Sep 2019 08:26 AM (IST)Updated: Mon, 23 Sep 2019 08:26 AM (IST)
Ayodhya land dispute case: आज से एक घंटे ज्‍यादा देर तक चलेगी सुनवाई, मुस्लिम पक्ष रखेगा दलीलें
Ayodhya land dispute case: आज से एक घंटे ज्‍यादा देर तक चलेगी सुनवाई, मुस्लिम पक्ष रखेगा दलीलें

नई दिल्‍ली, ब्‍यूरो/एजेंसी। Ayodhya land dispute case में आज 29वें दिन सुनवाई होगी। बीते शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट की संव‍िधान पीठ ने कहा था कि वह सोमवार से मामले की सुनवाई एक घंटे ज्‍यादा समय तक करेगी। अदालत ने पिछले हफ्ते सभी पक्षकारों से कहा था कि सब मिलकर कोशिश करें कि सुनवाई 18 अक्टूबर तक पूरी हो जाए। बता दें कि केस में 28 दिन की सुनवाई पूरी हो चुकी है और 18 अक्टूबर तक अदालत के पास 14 कार्यदिवस का समय शेष है। यही नहीं अब एक घंटे ज्‍यादा समय तक सुनवाई होगी, इसलिए उम्‍मीद है कि 18 अक्टूबर तक मामले की सुनवाई पूरी हो जाएगी।

loksabha election banner

संविधान पीठ के अध्यक्ष मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रंजन गोगोई 17 नवंबर को सेवानिवृत हो रहे हैं। ऐसे में यदि 18 अक्टूबर तक यदि मामले की सुनवाई पूरी हो गई तो साफ है कि अयोध्या में राम जन्मभूमि पर मालिकाना हक के मुकदमे का फैसला मुख्य न्यायाधीश के रिटायरमेंट से पहले आ जाएगा। यही नहीं अदालत के पास फैसला लिखने के लिए भी लगभग एक माह का वक्‍त मिलेगा। बीते शुक्रवार को सुनवाई के 28वें दिन मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने बाबरनामा का हवाला देते हुए कहा था कि अभिलेखों से साफ है कि मस्जिद बाबर ने बनवाई थी।

राजीव धवन ने कहा था कि सन 1985 में राम जन्मभूमि न्यास का गठन किया गया था। फिर एक सोची समझी रणनीति के तहत कार सेवकों के जरिए आंदोलन चलाया गया। नतीजतन 1992 में ढांचे को गिरा दिया गया। इसे गिराने के पीछे सुनियोजित षडयंत्र था कि वास्तविकता को खत्म कर दिया जाए। इससे पहले सुनवाई के सातवें दिन रामलला विराजमान के वकील ने दावा किया था कि जिस जगह मस्जिद बनाई गई थी उसके नीचे मंदिर का बहुत बड़ा ढांचा था। आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (एएसआई) की रिपोर्ट में साफ है कि वहां नीचे विशाल मंदिर था। उसमें कई पिलर और स्तंभ पाए गए हैं जो ईसा पूर्व 200 साल पहले के हैं। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.