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लोकपाल की जल्द नियुक्ति की उम्मीद जगी, सर्च कमेटी को मिला फरवरी तक का वक्त

सुप्रीम कोर्ट ने सर्च कमेटी से आग्रह किया है कि वह फरवरी के अंत तक नामों का पैनल तैयार करे। कोर्ट मामले में 7 मार्च को फिर सुनवाई करेगा।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Thu, 17 Jan 2019 09:15 PM (IST)Updated: Fri, 18 Jan 2019 12:19 AM (IST)
लोकपाल की जल्द नियुक्ति की उम्मीद जगी, सर्च कमेटी को मिला फरवरी तक का वक्त
लोकपाल की जल्द नियुक्ति की उम्मीद जगी, सर्च कमेटी को मिला फरवरी तक का वक्त

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। देश के पहले लोकपाल की जल्द नियुक्ति की उम्मीद जगी है। सुप्रीम कोर्ट ने लोकपाल का अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति का पैनल तैयार करने के लिए सीमा रेखा खींच दी है। कोर्ट ने गुरुवार को सर्च कमेटी से आग्रह किया है कि वह फरवरी के अंत तक नामों का पैनल तैयार करे। कोर्ट मामले में 7 मार्च को फिर सुनवाई करेगा।

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यह आदेश मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई, एल नागेश्वर राव व संजय किशन कौल की पीठ ने कामनकाज संस्था की ओर से दाखिल अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए। पिछली सुनवाई पर कोर्ट ने सरकार से नियुक्ति के संबंध में अब तक हुई कार्यवाही का ब्योरा हलफनामे में मांगा था।

कार्मिक मंत्रालय की ओर से कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर बताया गया था। कि 27 सितंबर को सर्च कमेटी का गठन हो गया था। अध्यक्ष सहित कुल आठ लोग हैं। जिसमें सुप्रीम कोर्ट की सेवानिवृत न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई अध्यक्ष हैं और इलाहाबाद हाईकोर्ट के सेवानिवृत न्यायाधीश सखाराम सिंह यादव, पूर्व सालिसिटर जनरल रंजीत कुमार, एसबीआइ की पूर्व चेयरमैन श्रीमती अरुन्धती भट्टाचार्या, डाक्टर ललित के. पंवार, शब्बीरहुसैन एस. खंडवावला, ए. सूर्य प्रकाश, और डाक्टर एएस किरन कुमार सदस्य हैं।

केन्द्र की ओर से पेश अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कोर्ट को बताया कि सर्च कमेटी अभी तक काम नहीं शुरू कर पाई है। सर्च कमेटी की 16 जनवरी को बैठक हुई थी, लेकिन कमेटी के पास काम करने के लिए जरूरी आफिस स्टाफ, जगह, सचिवालय, लोग व अन्य ढांचागत संसाधन नहीं हैं। जिसके कारण कमेटी काम करने में दिक्कत महसूस कर रही है।

वेणुगोपाल की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने सर्च कमेटी से आग्रह किया कि वह फरवरी के अंत तक लोकपाल नियुक्ति के नियम 11 के मुताबिक लोकपाल के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति के लिए नामों का पैनल तैयार करे। इसके अलावा कोर्ट ने केन्द्र सरकार को निर्देश दिया कि वह सर्च कमेटी को सभी जरूरी मदद और ढांचागत संसाधन मुहैया कराए ताकि सर्च कमेटी तय समय के भीतर काम पूरा कर ले।

सर्च कमेटी लोकपाल अध्यक्ष और सदस्यों के नामों का पैनल तैयार कर के चयन समिति को देती है और चयन समिति उसमे से नियुक्ति के लिए नाम चुनती है। चयन समिति में प्रधानमंत्री, लोकसभा अध्यक्ष, नेता विपक्ष और प्रख्यात कानूनविद होते हैं।

नियम के मुताबिक लोकपाल अध्यक्ष के लिए सर्च कमेटी पांच नामों का पैनल तैयार करेगी जबकि आठ सदस्यों जिनमें चार न्यायिक सदस्य और चार प्रशासनिक सदस्यों के लिए सर्च कमेटी 12 - 12 नामों का पैनल करेगी। नियम के मुताबिक लोकपाल सुप्रीम कोर्ट के वर्तमान या सेवानिवृत मुख्य न्यायाधीश या सुप्रीम कोर्ट न्यायाधीश अथवा असंदिग्ध निष्ठा वाला अपने क्षेत्र का विशेषज्ञ प्रख्यात व्यक्ति हो सकता है जबकि सदस्यों में न्यायिक सदस्य वर्तमान या सेवानिवृत हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश या सुप्रीम कोर्ट न्यायाधीश हो सकते हैं।

सकारात्मक दृष्टिकोण रखो

सर्च कमेटी की बैठक के मिनट सार्वजनिक करने और पैनल के नाम वेबसाइट पर जारी करने की मांग कर रहे वकील प्रशांत भूषण से सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सर्च कमेटी में प्रतिष्ठित लोग हैं उन पर संदेह करने का कोई कारण नहीं है, लेकिन जब भूषण लगातार मांग करते रहे तो कोर्ट ने कहा कि व अपनी सोच सकारात्मक रखें। हर चीज को नकारात्मक दृष्टि से देखना ठीक नहीं है। सकारात्मक दृष्टिकोण रखने से दुनिया बेहतर होती है। जब भूषण ने कहा कि हम कैसे जानेंगे कि सर्च कमेटी में क्या हुआ तो कोर्ट ने कहा कि आप सब जानते हैं कि देश में क्या हो रहा है। कम से कम हम जजों से तो ज्यादा ही जानते हैं।


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