Move to Jagran APP

गृह मंत्रालय ने कहा, कश्मीर में स्थिति सामान्य; हिरासत में बंद नेताओं को छोड़ा जाएगा

हिरासत में लिए गए नेताओं को लेकर पूछे गए सवाल पर गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि नेताओं को धीरे-धीरे रिहा किया जा रहा है।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Fri, 15 Nov 2019 11:02 PM (IST)Updated: Fri, 15 Nov 2019 11:03 PM (IST)
गृह मंत्रालय ने कहा, कश्मीर में स्थिति सामान्य; हिरासत में बंद नेताओं को छोड़ा जाएगा
गृह मंत्रालय ने कहा, कश्मीर में स्थिति सामान्य; हिरासत में बंद नेताओं को छोड़ा जाएगा

नई दिल्ली, प्रेट्र। गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने शुक्रवार को संसद के दोनों सदनों के सदस्यों को बताया कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में हालात सामान्य हो रहे हैं और हिरासत में लिए गए नेताओं को धीरे-धीरे रिहा किया जा रहा है। हालांकि सूत्रों ने कहा कि बाकी नेताओं को छोड़ने के लिए कोई समयसीमा नहीं बताई जा सकती।

loksabha election banner

कांग्रेस नेता आनंद शर्मा की अध्यक्षता वाली गृह मामलों की स्थाई संसदीय समिति की बैठक में सांसदों ने गृह सचिव अजय कुमार भल्ला और उनकी टीम के अधिकारियों से जम्मू-कश्मीर की मौजूदा स्थिति और हालात सामान्य करने के लिए उठाए जा रहे कदमों को लेकर सवाल पूछे।

गृह मामलों की स्थाई समिति की यह पहली बैठक

अनुच्छेद-370 समाप्त करने और जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने के पांच अगस्त के फैसले के बाद गृह मामलों की स्थाई समिति की यह पहली बैठक थी। सूत्रों के मुताबिक, गृह सचिव ने सांसदों को बताया कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में हालात सामान्य हो रहे हैं, स्कूल खुल गए हैं और सेब का कारोबार हो रहा है।

हिरासत में लिए गए नेताओं को लेकर पूछे गए सवाल पर भल्ला और उनकी टीम के अधिकारियों ने कहा कि नेताओं को धीरे-धीरे रिहा किया जा रहा है। लोकसभा और राज्यसभा के सदस्यों ने सरकार के शीर्ष अधिकारियों से पूर्व मुख्यमंत्री और श्रीनगर के सांसद फारूक अब्दुल्ला के खिलाफ 17 सितंबर को पब्लिक सेफ्टी एक्ट (पीएसए) में आरोप लगाए जाने के बारे में पूछताछ की।

अधिकारियों ने कहा कि पीएसए के तहत जिन्हें हिरासत में लिया गया है वे इसे ट्रिब्यूनल में चुनौती दे सकते हैं और उसके आदेश से अंसतुष्ट होने पर हाई कोर्ट का रुख कर सकते हैं। समिति के सदस्यों ने पूर्व उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती के लंबे समय से हिरासत में रखे जाने पर भी नाराजगी जताई।

देनदारी बंटवारे के लिए केंद्र ने बनाई तीन सदस्यीय समिति

जम्मू-कश्मीर के दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजन के बाद अब संसाधनों और देनदारियों का बंटवारा करने के लिए केंद्र ने तीन सदस्यीय समिति गठित की है। 31 अक्टूबर को जम्मू-कश्मीर औपचारिक रूप से दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित हो गया।

आनंद शर्मा की अगुआई वाली संसदीय समिति को भल्ला ने बताया कि जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम की धारा 84 के अंतर्गत जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के बीच संसाधनों, अधिकारों और दायित्वों के बंटवारे के लिए एक सलाहकार समिति का गठन किया गया है। वित्त वर्ष 2019-20 के शेष पांच महीनों के लिए चौदहवें वित्त आयोग में आवंटित निधि का 70 फीसद जम्मू-कश्मीर को और 30 फीसद लद्दाख को दिया जाएगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.