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संसदीय समिति में उठा गृह मंत्री अमित शाह का ट्विटर अकाउंट लॉक करने का मुद्दा

ट्विटर ने पिछले साल कुछ समय के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का ट्विटर अकाउंट लॉक किया था। संसदीय समिति के सदस्यों ने गुरुवार को अमित शाह का 2020 में ट्विटर अकाउंट अस्थायी रूप से लाक करने और भारत का गलत मानचित्र पेश करने का मुद्दा उठाया।

By Shashank PandeyEdited By: Published: Fri, 22 Jan 2021 08:57 AM (IST)Updated: Fri, 22 Jan 2021 08:57 AM (IST)
संसदीय समिति में उठा गृह मंत्री अमित शाह का ट्विटर अकाउंट लॉक करने का मुद्दा
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह(Amit Shah)। (फोटो: दैनिक जागरण/फाइल)

नई दिल्ली, प्रेट्र। एक संसदीय समिति के सदस्यों ने गुरुवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का 2020 में ट्विटर अकाउंट अस्थायी रूप से लॉक करने और भारत का गलत मानचित्र पेश करने का मुद्दा उठाया।सूचना प्रौद्योगिकी पर संसदीय स्थायी समिति ने गुरुवार को नागरिकों के अधिकारों की रक्षा, इंटरनेट न्यूज मीडिया प्लेटफॉर्मो का दुरुपयोग रोकने व डिजिटल स्पेस में महिलाओं की सुरक्षा के मुद्दे पर फेसबुक, ट्विटर और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के प्रतिनिधियों से अलग-अलग बातचीत की।

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ट्विटर के प्रतिनिधियों के साथ वार्ता में कुछ सदस्यों खासकर भाजपा सदस्यों ने पिछले साल अल्पावधि के लिए अमित शाह का अकाउंट लाक करने का मुद्दा उठाया। कुछ भाजपा सदस्यों ने ट्विटर की तथ्यों को जांचने की व्यवस्था पर सवाल उठाए और आश्चर्य जताया कि देश के गृह मंत्री का अकाउंट कैसे लॉक कर दिया गया था। इस पर ट्विटर के प्रतिनिधि का कहना था कि यह अनजाने में हुई त्रुटि थी और इस फैसले को तत्काल बदल दिया गया था। 

कॉपीराइट धारक की रिपोर्ट पर ट्विटर ने शाह के ट्विटर अकाउंट की डिस्प्ले पिक्चर को हटा दिया था। कुछ सदस्यों ने ट्विटर से सवाल किया कि उसके प्लेटफॉर्म से सामग्री हटाने या अकाउंट ब्लॉक करने का आधार क्या है, इस पर कंपनी के प्रतिनिधियों ने कहा कि वे इसे एक स्वस्थ प्लेटफॉर्म बनाना चाहते हैं। लेकिन कुछ सदस्य उनके इस जवाब से संतुष्ट नहीं हुए।समिति सदस्यों ने वॉट्सऐप की निजता नीति में प्रस्तावित बदलावों का मुद्दा भी उठाया और भारतीय नागरिकों की चिंताओं का उल्लेख किया। 

सदस्यों ने दावा किया कि कंपनी प्रतिनिधियों ने माना कि यूजर्स के डाटा से मौद्रिक लाभ अर्जित किया जा रहा था, जबकि कुछ सदस्यों के मुताबिक, वॉट्सऐप प्रतिनिधियों का कहना था कि प्रस्तावित बदलावों का उद्देश्य और अधिक पारदर्शिता लाना है। इसके अलावा यूजर्स की चैट और कॉल अभी भी एंड-टू-एंट इंक्रिप्टेड हैं। बैठक में हिस्सा लेने वाले कुछ सदस्यों ने कहा कि वॉट्सऐप प्रतिनिधि इस मुद्दे पर जवाब देने से बच रहे थे, उनके पास कोई जवाब नहीं था।


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