नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों पर येदियुरप्पा ने कहा- आलाकमान को मुझ पर भरोसा, सीएम पद पर बना रहूंगा
राज्य के पर्यटन मंत्री सीपी योगेश्वरा और हुबली-धारवाड़ पश्चिम विधायक अरविंद बेलाड की हाल की दिल्ली यात्रा कथित तौर पर आलाकमान से मिलने और येदियुरप्पा की कार्यप्रणाली के खिलाफ कुछ विधायकों की भावनाओं को व्यक्त करने और मुख्यमंत्री को समझाने के इरादे से हुई थी।
बेंगलुरु, पीटीआइ। कर्नाटक में नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों के बीच मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा ने रविवार को कहा कि वह तब तक मुख्यमंत्री के पद पर बने रहेंगे जब तक भाजपा आलाकमान को उन पर भरोसा है और उन्हें इस बारे में कोई भ्रम नहीं है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि वह इस बात से सहमत नहीं हैं कि कर्नाटक भाजपा में उनकी जगह लेने के लिए कोई वैकल्पिक नेता नहीं है।
येदियुरप्पा ने कहा, 'जब तक दिल्ली आलाकमान को मुझ पर भरोसा है, मैं मुख्यमंत्री बना रहूंगा। जिस दिन वो कहेंगे कि वो मुझे नहीं चाहते, मैं इस्तीफा दे दूंगा और राज्य के विकास के लिए दिन-रात काम करूंगा।' यहां पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा, 'मैं किसी भ्रम में नहीं हूं। उन्होंने (आलाकमान) मुझे एक मौका दिया है, मैं अपनी ताकत से आगे बढ़कर मौके का फायदा उठाने की कोशिश कर रहा हूं। बाकी आलाकमान पर छोड़ दिया गया है।'
वैकल्पिक नेतृत्व पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में, येदियुरप्पा ने कहा, 'मैं किसी की आलोचना नहीं करूंगा। मैं इस बात से सहमत नहीं हूं कि कोई वैकल्पिक व्यक्ति नहीं है। राज्य और देश में हमेशा वैकल्पिक व्यक्ति होंगे। मैं इस बात से सहमत नहीं हूं कि कर्नाटक में कोई वैकल्पिक व्यक्ति नहीं है, लेकिन जब तक आलाकमान को मुझ पर भरोसा है, मैं मुख्यमंत्री के रूप में बना रहूंगा।'
ऐसा शायद पहली बार है जब येदियुरप्पा ने नेतृत्व परिवर्तन के मुद्दे पर विस्तार से बात की है। राज्य में इस तरह की खबरें हैं कि कर्नाटक भाजपा में उनकी जगह एक वैकल्पिक नेता के बारे में बात की जा रही है। पिछले कुछ समय से अटकलें लगाई जा रही थीं कि सत्ताधारी भाजपा के भीतर येदियुरप्पा को हटाने के लिए दबाव बनाने की कोशिश की जा रही थी।
राज्य के पर्यटन मंत्री सीपी योगेश्वरा और हुबली-धारवाड़ पश्चिम विधायक अरविंद बेलाड की हाल की दिल्ली यात्रा, कथित तौर पर आलाकमान से मिलने और येदियुरप्पा की कार्यप्रणाली के खिलाफ कुछ विधायकों की भावनाओं को व्यक्त करने और मुख्यमंत्री को समझाने के इरादे से हुई थी। साथ ही, सरकार द्वारा लिए गए कुछ निर्णयों का हवाला देते हुए, COVID संकट से निपटने और कथित भ्रष्टाचार के मामले में कुछ विधायक दल की बैठक बुलाने पर भी जोर दिया गया था।
हालांकि, राज्य भाजपा अध्यक्ष नलिन कुमार कतील और केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने नेतृत्व परिवर्तन से इनकार किया था और कहा था कि येदियुरप्पा कार्यकाल पूरा करेंगे। मुख्यमंत्री के करीबी माने जाने वाले कई विधायकों ने भी इस तरह के बदलाव की आवश्यकता पर सवाल उठाते हुए रैली की थी और कहा था कि दिग्गज नेता अपना कार्यकाल पूरा करेंगे और दो साल बाद अगले चुनावों के दौरान पार्टी का नेतृत्व भी करेंगे।
येदियुरप्पा के बेटे और राज्य भाजपा उपाध्यक्ष बी वाइ विजयेंद्र ने हाल ही में दिल्ली का दौरा किया था और राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा सहित पार्टी के शीर्ष नेताओं से मुलाकात की थी और विरोधियों पर लगाम लगाने का अनुरोध किया था। इससे पहले भी ऐसी अटकलें लगाई जा रही थीं कि भाजपा आलाकमान आने वाले दिनों में येदियुरप्पा की बढ़ती उम्र को देखते हुए कर्नाटक में नेतृत्व परिवर्तन पर विचार कर रहा है। भाजपा में एक अलिखित नियम है कि 75 वर्ष से ऊपर के नेताओं को मंत्री पद पर नहीं रहना चाहिए। हालांकि भाजपा ने पहले भी इस तरह की अटकलों को आधिकारिक तौर पर खारिज किया है, लेकिन पार्टी के भीतर यतनाल जैसे कुछ वरिष्ठ विधायकों में अपने बयानों में येदियुरप्पा को सीएम पद से हटाने की मंशा से बार-बार उम्र निर्धारित करते हुए इसे बल दिया है।