अनुच्छेद 370 पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को जवाब देने के लिए दिया 4 हफ्ते का समय
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को जवाब देने के लिए 4 हफ्ते के समय को मंजूरी दी। मामले की अगली सुनवाई अब 13 नवंबर को होगी।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को हटाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ मंगलवार को सुनवाई हुई। अनुच्छेद 370 के अधिकांश प्रावधानों को निष्क्रिय करने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर जवाब देने के लिए केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में 4 हफ्ते का समय मांगा। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को जवाब देने के लिए 4 हफ्ते के समय को मंजूरी दी। मामले की अगली सुनवाई अब 13 नवंबर को होगी। साथ ही सुप्रीम कोर्ट में अब इस मसले से जुड़ी कोई नई याचिका दाखिल नहीं की जाएगी। गौरतलब है कि चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने जस्टिस रमन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ को यह मामला भेज दिया था। जस्टिस रमन्ना की अध्यक्षता वाली इस संविधान पीठ में जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस आर सुभाष रेड्डी, जस्टिस बी आर गवई और जस्टिस सूर्यकांत हैं।
भारत का संविधान जम्मू-कश्मीर में भी लागू
अनुच्छेद 370 हटने के बाद से भारत का संविधान और कानून अब जम्मू-कश्मीर में भी लागू हो गया है। इसके अलावा देश के किसी भी हिस्से में रहने वाले नागरिक को जम्मू-कश्मीर में भी जमीन खरीदने बसने आदि के वही सारे अधिकार मिल गए हैं जो कि राज्य के स्थायी निवासी का दर्जा रखने वाले लोगों के पास थे।
सुप्रीम कोर्ट में जिन 12 लोगों की याचिकाओं पर सुनवाई होगी उनमें मोहम्मद युसुफ तारीगामी, रिफत आरा बट, मनोहर लाल शर्मा, फारुख अहमद डार, शकीर शबीर, सोएब कुरैशी, मोहम्मद अकबर लोन, इंदर सलीम उर्फ इंदर जी टिक्कू, राधा कुमार, शाह फैजल, मुजफ्फर इकबाल खान, जम्मू कश्मीर पिपुल्स कान्फ्रेंस हैं। याचिकाओं मे अनुच्छेद 370 हटाने की प्रक्रिया को असंवैधानिक घोषित करने की मांग की गई है। याचिकाकर्ताओं ने प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए कोर्ट से राष्ट्रपति का आदेश रद करने की मांग की है।