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Ayodhya land dispute case: 31वें दिन की सुनवाई शुरू, जफरयाब जिलानी दे रहे दलीलें

Ayodhya land dispute case में आज बुधवार को 31वें दिन सुनवाई हो रही है। मुस्लिम पक्ष की ओर से जफरयाब जिलानी अपनी दलीलें रख रहे हैं।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Wed, 25 Sep 2019 12:30 PM (IST)Updated: Wed, 25 Sep 2019 12:47 PM (IST)
Ayodhya land dispute case: 31वें दिन की सुनवाई शुरू, जफरयाब जिलानी दे रहे दलीलें
Ayodhya land dispute case: 31वें दिन की सुनवाई शुरू, जफरयाब जिलानी दे रहे दलीलें

नई दिल्‍ली, एएनआइ। Ayodhya land dispute case में आज बुधवार को 31वें दिन सुनवाई हो रही है। मुस्लिम पक्ष की ओर से जफरयाब जिलानी अपनी दलीलें रख रहे हैं। कल सुन्नी वक्फ बोर्ड एवं अन्य ने सुप्रीम कोर्ट में माना कि अयोध्या विवादित स्थल पर बना राम चबूतरा भगवान राम का जन्मस्थान है। कोर्ट की ओर से पूछे गए सवाल पर सुन्नी वक्फ बोर्ड एवं अन्य के वकील जफरयाब जिलानी ने कहा, हां हम मानते हैं कि राम चबूतरा राम जन्मस्थान है, क्योंकि फैजाबाद की जिला अदालत इस बारे में फैसला दे चुकी है। ऐसे में अब उनके पास इससे अलग जाने का विकल्प नहीं है। 

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कल सुप्रीम कोर्ट ने राम चबूतरे को जन्मस्थान मानने के बारे में मुस्लिम पक्ष के वकील जफरयाब जिलानी से कई सवाल पूछा था। अदालत ने पूछा था कि क्‍या आप यह मानते हैं कि राम का जन्म अयोध्या में हुआ था? जिलानी ने कहा हां। कोर्ट ने कहा, क्या आप यह भी स्वीकारते हैं कि राम चबूतरा जन्मस्थान है। जिलानी ने कहा है। कोर्ट ने पूछा कि आपने इस फैसले के खिलाफ अपील नहीं की तो जिलानी ने कहा कि उन्होंने इस अपील में पूरी जमीन पर दावा किया है।  

अदालत ने जिलानी से यह भी पूछा कि केंद्रीय गुंबद से राम चबूतरे की दूरी कितनी है? जिलानी बोले 60-65 फीट होगी। जब जिलानी ने आइन-ए-अकबरी को भारत का ज्ञानकोश बताते हुए कहा कि इसमें हर अहम चीज का जिक्र है लेकिन इसमें अयोध्या में जन्मस्थान या मंदिर होने का जिक्र नहीं है। इस पर जस्टिस एसए बोबडे ने सवाल किया कि क्या इसमें वहां मस्जिद होने का जिक्र है। जिलानी ने कहा नहीं... 

जब जिलानी ने आइन-ए-अकबरी में जन्मस्थान का जिक्र न होने की दलील दी तो जस्टिस अशोक भूषण ने कहा, स्कंद पुराण तो उससे भी पुराना है। उसमें तो तय जगह जन्मस्थान बताया गया है। जिलानी बोले, स्कंद पुराण 18वीं सदी का है। इस पर जस्टिस भूषण ने कहा, गवाह के बयान हैं कि स्कंद पुराण छठी सदी में लिखा गया। जिलानी ने कहा, रिकार्ड पर ऐसा कोई साक्ष्य मौजूद नहीं है जिसमें राम के जन्म की जगह तय बताई गई हो। सारी दलीलें आस्था और विश्वास पर आधारित हैं। 


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