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एचआइवी-एड्स पीड़ित से किया भेदभाव तो हो सकती है दो साल की सजा और जुर्माना

पिछले महीने दिल्ली हाइकोर्ट ने अधिसूचना जारी करने में हो रही देरी को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय को फटकार भी लगाई थी।

By Tilak RajEdited By: Published: Tue, 11 Sep 2018 03:10 PM (IST)Updated: Tue, 11 Sep 2018 06:01 PM (IST)
एचआइवी-एड्स पीड़ित से किया भेदभाव तो हो सकती है दो साल की सजा और जुर्माना
एचआइवी-एड्स पीड़ित से किया भेदभाव तो हो सकती है दो साल की सजा और जुर्माना

नई दिल्‍ली, पीटीआइ। एचआइवी एवं एड्स के मरीजों के साथ अब अगर कोई भेदभाव करता है, तो उसे जेल की हवा खानी पड़ सकती है। अब ऐसे मरीजों से किसी भी तरह का भेदभाव करना दंडनीय अपराध हो गया है। अब कोई ऐसा करता पाया जाता है, तो उसे दो साल तक की जेल की सजा और एक लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है।

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हालांकि इस कानून की अधिसूचना पिछले साल ही जारी हो जानी चाहिए थी। दरअसल, यह कानून पिछले साल अप्रैल महीने में ही पारित हो गया था। इसलिए पिछले महीने दिल्ली हाइकोर्ट ने अधिसूचना जारी करने में हो रही देरी को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय को फटकार भी लगाई थी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को एचआइवी और एड्स (रोकथाम एवं नियंत्रण) अधिनियम, 2017 की अधिसूचना जारी कर दी है।

एचआईवी एवं एड्स अधिनियम, 2017 के तहत अब एचआईवी-एड्स पीड़ितों के संपत्ति अधिकारों, स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच के अधिकारों को संरक्षण प्रदान किया जाएगा। इसे ऐसे मरीजों की मुश्किलें कुछ कम हो जाएंगी, जो पहले ही बेहद कठिक परिस्थितियों में अपनी जिंदगी गुजार रहे हैं। इस अधिनियम के मुताबिक, अब ऐसे मरीजों के साथ सामाजिक भेदभाव को दंडनीय अपराध का दर्जा प्रदान किया गया है।

कम से कम तीन महीने और ज्‍यादा से ज्‍यादा दो साल की कैद
अधिनियम के तहत, किसी व्यक्ति के एचआईवी ग्रस्त होने की जानकारी सार्वजनिक करने, उनके खिलाफ नफरत फैलाने, किसी संस्‍थान में दाखिला न देने या घर से बाहर निकाल देने पर कम से कम तीन महीने की कैद की सजा का प्रावधान है, जिसे दो साल तक बढ़ाया जा सकता है। इसके अलावा एक लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। एचआइवी पीड़ित को नौकरी न देने या निकालने पर भी सजा का सामना करना पड़ेगा। इस कानून को राज्यसभा ने पिछले साल 21 मार्च को, जबकि लोकसभा ने 11 अप्रैल को मंजूरी दे दी थी। तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने 20 अप्रैल को इसे अपनी मंजूरी दे दी थी।


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