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कांग्रेस के साथ सरकार चला रहे कुमारस्वामी ने जताया ममता के नेतृत्व पर भरोसा

जद (एस) के नेता और मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने ममता को कुशल प्रशासक करार देते हुए कहा कि तृणमूल अध्यक्ष में देश की अगुवाई करने की हर काबिलियत है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Tue, 22 Jan 2019 12:13 AM (IST)Updated: Tue, 22 Jan 2019 08:17 AM (IST)
कांग्रेस के साथ सरकार चला रहे कुमारस्वामी ने जताया ममता के नेतृत्व पर भरोसा
कांग्रेस के साथ सरकार चला रहे कुमारस्वामी ने जताया ममता के नेतृत्व पर भरोसा

कोलकाता, एजेंसी। लोकसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ बन रहे विपक्ष के महागठबंधन में नेतृत्व को लेकर नेताओं के अलग-अलग बयान सामने आ रहे हैं। कर्नाटक में कांग्रेस के साथ सरकार चला रहे जद (एस) के नेता और मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने ममता को कुशल प्रशासक करार देते हुए कहा कि तृणमूल अध्यक्ष में देश की अगुवाई करने की हर काबिलियत है। कुमारस्वामी ने कोलकाता में ममता बनर्जी की तरफ से आयोजित महागठबंधन की रैली में यह बात कही।

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यहां यह गौर करने वाली बात है कि कर्नाटक के ही प़़डोसी राज्य तमिलनाडु की प्रमुख पार्टी द्रमुक अध्यक्ष एमके स्टालिन प्रधानमंत्री पद के लिए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के नाम का प्रस्ताव तक कर चुके हैं। पिछले महीने स्टालिन ने चेन्नई में आयोजित एक कार्यक्रम में राहुल गांधी की राजनीतिक परिपक्वता की जमकर तारीफ करते हुए कहा था कि उनमें पीएम मोदी को हराने का माद्दा है। स्टालिन ने राहुल को पीएम प्रत्याशी भी घोषित कर दिया था। उस कार्यक्रम में राहुल और सोनिया गांधी भी मौजूद थीं। हालांकि, ममता की रैली में स्टालिन ने इस बारे में चुप्पी साधे रखी।

दक्षिण के इन दोनों राज्यों के प्रमुख नेताओं के अलावा देश की सियासत में अहम स्थान रखने वाले उत्तर प्रदेश के दो प्रमुख दलों सपा और बसपा ने भी गठबंधन के नेतृत्व पर अब तक चुप्पी साध रखी है। भाजपा को रोकने के लिए हाथ मिलने वाले सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और बसपा प्रमुख मायावती ने ममता की रैली से भी दूरी बनाए रखी। वैसे ममता की रैली में तो राहुल गांधी भी शामिल नहीं हुए थे। कांग्रेस का प्रतिनिधित्व लोकसभा में उसके नेता मल्लिकार्जुन ख़़डगे ने किया था।

कुमारस्वामी ने 1977 के हालात की चर्चा की जब प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को देश के विभिन्न हिस्से से विरोध का सामना करना प़़डा था। उन्होंने कहा कि आज भी हालत वैसे ही हो गए हैं। जिस तरह से तब नेताओं ने साथ बैठकर अपने नेता का चुनाव किया था, इस बार भी, उनके मुताबिक, विपक्ष को ऐसा करने में कोई दिक्कत नहीं है। 


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