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BJP उम्मीदवार की जीत पर रार: केंद्रीय मंत्री ने पूछा- जब ये 35 नेता निर्विरोध जीते तब लोकतंत्र खतरे में नहीं था?

सूरत लोकसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार के निर्विरोध चुनाव जीतने पर कांग्रेस नेताओं ने कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि लोकतंत्र खतरे में हैं। विपक्षी नेताओं के आरोपों के बीच केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने एक्स पर लिखा ऐसा पहली बार नहीं है कि कोई उम्मीदवार निर्विरोध चुनाव जीत गया हो।

By Agency Edited By: Piyush Kumar Published: Tue, 23 Apr 2024 01:23 PM (IST)Updated: Tue, 23 Apr 2024 01:39 PM (IST)
कांग्रेस नेताओं के आरोपों पर केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने जवाब दिया। (फोटो सोर्स: जागरण)

एएनआई,नई दिल्ली। सूरत लोकसभा सीट पर भाजपा प्रत्याशी मुकेश दलाल ने निर्विरोध चुनाव जीत लिया है। वह बीजेपी के पहले ऐसे उम्मीदवार हैं, जिन्होंने संसदीय चुनाव में निर्विरोध जीत हासिल की है। बता दें कि कांग्रेस ने नीलेश कुंभानी को इस सीट से उम्मीदवार बनाया था, लेकिन उनकी उम्मीदवारी खारिज कर दी गई।

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अब तक निर्विरोध चुने गए 35 उम्मीदवार: हरदीप सिंह पुरी

बीजेपी उम्मीदवार के निर्विरोध चुनाव जीतने पर कांग्रेस नेताओं ने कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि लोकतंत्र खतरे में हैं। विपक्षी नेताओं के आरोपों के बीच केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने एक्स पर लिखा, ऐसा पहली बार नहीं है कि कोई उम्मीदवार निर्विरोध चुनाव जीत गया हो। आजादी के बाद से आम चुनावों और उपचुनावों में 35 उम्मीदवार निर्विरोध चुने गए हैं।

वहीं, उन्होंने आगे लिखा कि साल 1980 में फारुख अब्दुल्ला और साल 2012 में डिंपल यादव भी निर्विरोध चुनाव जीत चुकी हैं।  क्या जब ये नेता चुनाव जीते तो लोकतंत्र खतरे में नहीं था।

वहीं, दक्षिण गोवा से आई.एन.डी.आई. गठबंधन के उम्मीदवार कैप्टन विरियाटो फर्नांडीस के बारे में नहीं सुना है, जो यह कह रहे हैं कि गोवा के लोगों के लिए दोहरी नागरिकता मिलनी चाहिए क्योंकि गोवा के लोगों पर संविधान थोपा गया है।

बता दें कि वाईबी चव्हाण, फारुक अबदुल्ला, हरे कृष्ण महताब, टीटी कृष्णामाचारी, पीएम सईद सरीखे नेता भी बिना किसी मुकाबले को लोकसभा पहुंच चुके हैं।

राहुल गांधी ने क्या कहा?

राहुल गांधी ने इस मामले पर गुस्सा जाहिर करते हुए 'एक्स' पर लिखा,"तानाशाह की असली 'सूरत' एक बार फिर देश के सामने है। जनता से अपना नेता चुनने का अधिकार छीन लेना बाबा साहेब अंबेडकर के संविधान को खत्म करने की तरफ बढ़ाया एक और कदम है। मैं एक बार फिर कह रहा हूं-यह सिर्फ सरकार बनाने का चुनाव नहीं है, यह देश को बचाने का चुनाव है, संविधान की रक्षा का चुनाव है।"

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