राफेल पर एचएएल चेयरमैन का चौंकाने वाला बयान, नहीं पता था; पिछला सौदा हो चुका रद
कांग्रेस पार्टी राफेल विमान डील पर लगातार मोदी सरकार पर हमला कर रही है। कई विपक्षी दल भी इस मुद्दे पर जमकर राजनीति कर रहे हैं।
नई दिल्ली, आइएएनएस। राफेल लड़ाकू विमान सौदे पर ऐयरोस्पेस कंपनी हिंदुस्तान ऐयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) का चौंकाने वाला बयान सामने आया है। एचएएल को खबर ही नहीं थी कि पिछले राफेल विमान सौदे को भाजपा के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार रद कर चुकी है और नया राफेल सौदा किया गया है। कंपनी के एक शीर्ष अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
एचएएल के चेयरमैन आर माधवन ने कहा, 'हम राफेल लड़ाकू विमान सौदे पर कोई बयान नहीं देना चाहते, क्योंकि हम अब इस सौदे का हिस्सा नहीं हैं। लेकिन हमें पिछले सौदे को रद किए जाने की जानकारी नहीं थी।'
बता दें कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली पिछली यूपीए सरकार ने फ्रांस की एयरक्राफ्ट बनाने वाली कंपनी दसॉ ऐविएशन के साथ 125 राफेल विमानों का सौदा किया था, जिसमें से 108 विमानों का निर्माण लाइसेंस्ड प्रॉडक्शन के तहत एचएएल द्वारा किया जाता और 18 विमानों का निर्माण फ्रांस में कर उसे भारत लाया जाता। ये विमान भारतीय वायु सेना के लिए खरीदे जाने थे।
कांग्रेस पार्टी राफेल विमान डील पर लगातार मोदी सरकार पर हमला कर रही है। कई विपक्षी दल भी इस मुद्दे पर जमकर राजनीति कर रहे हैं। अब एचएएल चेयरमैन के बयान से ये मुद्दा फिर गरमा गया है। खबरों के मुताबिक, एनडीए सरकार ने वर्ष 2015 में फ्रांस की सरकार के साथ दूसरा सौदा कर लिया, जिसमें 125 के बजाय सिर्फ 36 राफेल विमानों की खरीद की गई और इन सबका निर्माण फ्रांस में ही कर उसे भारत लाया जाएगा। इसकी अनुमानित कीमत 54 अरब डॉलर है। माधवन ने कहा, 'यह सौदा सरकार द्वारा सीधे खरीद का है, इसलिए हम राफेल विमानों की कीमत या नीति में बदलाव पर कोई बयान नहीं कर सकते हैं।'
राफेल विवाद सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है। कोर्ट ने सीलबंद लिफाफे में कीमत का ब्योरा मांगा है और उसमें भी कोई अड़चन होने पर हलफनामा दाखिल कर इसे कहने की इजाजत दी है। उधर, कांग्रेस ने मामले की जेपीसी जांच की मांग करते हुए दावा किया कि सुप्रीम कोर्ट के ताजा निर्देशों ने इस सौदे पर उसके रुख को सही ठहराया है।