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मोदी सरकार की बड़ी कामयाबी, जनधन के खाते 31 करोड़ से ज्यादा, जमा राशि 80000 करोड़ के पार

मोदी सरकार की महत्वपूर्ण 'प्रधानमंत्री जनधन योजना' को बड़ी कामयाबी मिली है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Sun, 22 Apr 2018 07:33 PM (IST)Updated: Mon, 23 Apr 2018 06:41 AM (IST)
मोदी सरकार की बड़ी कामयाबी, जनधन के खाते 31 करोड़ से ज्यादा, जमा राशि 80000 करोड़ के पार
मोदी सरकार की बड़ी कामयाबी, जनधन के खाते 31 करोड़ से ज्यादा, जमा राशि 80000 करोड़ के पार

नई दिल्ली, एजेंसी। मोदी सरकार की महत्वपूर्ण 'प्रधानमंत्री जनधन योजना' को बड़ी कामयाबी मिली है। इसके खातेदारों की संख्या 11 अप्रैल 2018 को बढ़कर 31.45 करोड़ हो गई वहीं जमा राशि भी बढ़कर 80 हजार करोड़ के पार पहुंच गई। अधिकृत आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है।

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'जनधन' के नाम से प्रसिद्ध हो चुकी योजना के तहत देश की आबादी के बड़े हिस्से के पहली बार बैंक खाते खोले गए हैं। अगस्त 2014 में शुरू की गई यह योजना विश्व में अनूठी है। जनधन से मिलती हैं ये सुविधाएं -बैंकिंग, सेविंग, डिपॉजिट, लेन-देन, कर्ज, बीमा व पेंशन। मार्च 2017 से सतत वृद्धि विश्व बैंक ने की सराहना वित्त मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार जनधन योजना की जमा राशि में मार्च 2017 के बाद से लगातार वृद्धि हो रही है।

2016 में नोटबंदी के वक्त यह योजना काफी चर्चा में आई थी, क्योंकि इसमें जमा राशि एकाएक काफी बढ़ गई थी। हाल ही विश्व बैंक द्वारा जारी 'ग्लोबल फिडेंक्स रिपोर्ट 2017' की नवीनतम रिपोर्ट में जनधन योजना की कामयाबी का उदाहरण दिया गया है। 55 फीसदी नए खाते भारत में वित्तीय सेवा सचिव राजीव कुमार ने भारत के वित्तीय समावेश के प्रयासों पर विश्व बैंक की मुहर लग गई है।

विश्व बैंक की रिपोर्ट के अनुसार दुनिया में जितने नए बैंक खाते खोले गए हैं, उनमें से 55 फीसदी भारत में हैं। नोटबंदी के बाद राशि 45 हजार करोड़ से 74 हजार करोड़ हुई नवंबर 2016 में नोटबंदी के पूर्व जनधन खातों में जमा राशि 45,300 करोड़ रुपये थी जो नोटबंदी के बाद बढ़कर 74 हजार करोड़ रुपये हो गई थी। नोटबंदी के तहत सरकार ने 500 व 1000 रुपये के करेंसी नोटों को बंद कर दिया था। हालांकि बाद में इन खातों में राशि घटी लेकिन मार्च 2017 के बाद इसमें सतत वृद्धि हुई।

इस तरह बढ़ी जमा राशि अवधि राशि [ करोड़ रुपये]

दिसंबर 2017 - 73,878

फरवरी 2018 - 75,572

मार्च 2018  - 78,494

11 अप्रैल तक 80,545

इस तरह बढे़ खातेदार अवधि खातेदार [ करोड़ ]

नवंबर 2016  - 25.51

जनवरी 2017 - 26.5

11 अप्रैल 2018  - 31.46

नोटबंदी के बाद दोगुनी से ज्यादा हुई औसत जमा आईसेक्ट के व्यावसायिक सेवा निदेशक अभिषेक पंडित के अनुसार जनधन पर नोटबंदी के असर का आकलन इस तथ्य से हो जाता है कि नोटबंदी से पहले योजना में प्रत्येक खाते की औसत जमा राशि 480 रुपये थी जो नोटबंदी के बाद बढ़कर 1095 रुपये हो गई। आईसेक्ट देश के ग्रामीण व अ‌र्द्धशहरी क्षेत्रों में वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देती है। इसके देशभर में 1400 से ज्यादा बैंकिंग कियोस्क हैं।


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