Move to Jagran APP

अयोध्या में राममंदिर के लिए गृहमंत्रालय में बना विशेष डेस्क, जानें कौन हागा इसका प्रमुख

केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट पर अयोध्‍या का फैसला आने के बाद सभी मामलों को देखने के लिए एक अतिरिक्त सचिव की अध्यक्षता में एक अलग डेस्क की स्थापना की है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Thu, 02 Jan 2020 05:54 PM (IST)Updated: Thu, 02 Jan 2020 08:29 PM (IST)
अयोध्या में राममंदिर के लिए गृहमंत्रालय में बना विशेष डेस्क, जानें कौन हागा इसका प्रमुख
अयोध्या में राममंदिर के लिए गृहमंत्रालय में बना विशेष डेस्क, जानें कौन हागा इसका प्रमुख

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आलोक में अयोध्या में राममंदिर के निर्माण से जुड़े सभी मामलों को देखने के लिए गृहमंत्रालय में एक विशेष डेस्क का गठन किया गया है। मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव ज्ञानेश कुमार को इसका प्रमुख बनाया गया है। माना जा रहा है कि यही डेस्क कोर्ट के निर्देश के अनुसार सुन्नी वक्फ बोर्ड को पांच एकड़ जमीन देने से लेकर मंदिर निर्माण के ट्रस्ट के गठन और उसके बाद ट्रस्ट को जमीन का मालिकाना हक स्थानांतरित किये जाने जैसे सभी मुद्दे को देखेगा।

loksabha election banner

तीन सदस्यीय होगा डेस्‍क

गृहमंत्रालय की ओर से 31 दिसंबर को जारी आदेश के अनुसार अयोध्या डेस्क में तीन सदस्यीय होगा, जिसमें जम्मू-कश्मीर और लद्दाख विभाग के प्रमुख अतिरिक्त सचिव ज्ञानेश कुमार के अलावा जम्मू-कश्मीर और लद्दाख विभाग के ही संयुक्त सचिव और राष्ट्रीय एकता विभाग के उप सचिव को रखा गया है। ध्यान देने की बात है कि जम्मू-कश्मीर विभाग के प्रमुख के रूप में ज्ञानेश कुमार ने पांच अगस्त को राज्य के विभाजन और अनुच्छेद 370 व 35ए को हटाने में अहम भूमिका निभाई थी। आदेश में कहा गया है कि यह डेस्क अब अयोध्या से जुड़े सभी मामले और उससे संबंधित अदालती आदेशों को देखेगा।

ट्रस्ट के स्वरूप पर कोई फैसला नहीं

उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार उत्तरप्रदेश सरकार ने गृहमंत्रालय को तीन जगहों पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुरूप सुन्नी वक्फ बोर्ड को पांच एकड़ जमीन सौंपने का सुझाव दिया है। अब डेस्क सुन्नी वक्फ बोर्ड के साथ सलाह-मशविरा कर इनमें से एक स्थान का चुनाव करेगा। वहीं अभी तक मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट के स्वरूप पर कोई फैसला नहीं हुआ है लेकिन माना जा रहा है कि यह ट्रस्ट 11 सदस्यीय हो सकता है। जिसमें सरकारी प्रतिनिधि के रूप में अयोध्या के जिलाधिकारी या फैजाबाद के कमिश्नर के साथ ही एक केंद्र के अधिकारी को भी सदस्य के रूप में शामिल किया जा सकता है।

सदस्यों को लेकर विचार-विमर्श का दौर जारी

सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही निर्मोही अखाड़े के एक प्रतिनिधि को सदस्य बनाने का निर्देश दे दिया है। सदस्यों को लेकर विचार-विमर्श का दौर अभी जारी है। जिसमें यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि किसी ऐसे व्यक्ति को इसमें स्थान नहीं मिल जाए, तो मंदिर निर्माण के लिए अपना पूरा समय नहीं दे पाए। इसी तरह सरकार के सामने ट्रस्ट की स्वायत्तता पहली प्राथमिकता है, ताकि भविष्य में इसका बेजा इस्तेमाल नहीं हो सके।

भाजपा का कोई भी नेता या विहिप का पदाधिकारी ट्रस्ट में नहीं होगा शामिल

ध्यान देने की बात है कि अमित शाह पहले ही साफ कर चुके हैं कि भाजपा का कोई भी नेता ट्रस्ट में शामिल नहीं होगा। यही नहीं, विहिप ने भी साफ कर दिया कि उसका कोई पदाधिकारी सीधे तौर पर ट्रस्ट का सदस्य नहीं होगा। लेकिन पिछले तीन दशक से रामजन्मभूमि मंदिर निर्माण की तैयारी में जुटे रामजन्मभूमि न्यास को इसमें स्थान मिल सकता है। नौ नवंबर को दिये फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट के गठन के लिए तीन महीने का समय दिया था, जो नौ फरवरी को पूरा होने जा रहा है। जाहिर है सरकार के पास अब केवल 38 दिन शेष रह गए हैं। वैसे माना जा रहा है कि मकर संक्रांति के बाद कभी भी ट्रस्ट के गठन की घोषणा की जा सकती है।

पहले क्‍या थी स्थिति 

1990 और 2000 के दशक की शुरुआत में गृह मंत्रालय में एक समर्पित अयोध्या प्रकोष्ठ का गठन किया था, लेकिन अयोध्या पर लिब्रहान आयोग की जांच का जमा करने के बाद इसे बंद कर दिया गया था।

गृह मंत्रालय ने जारी किया एक और आदेश 

इसी आदेश में गृह मंत्रालय ने यह कहा है कि आंतरिक सुरक्षा- II डिवीजन को आंतरिक सुरक्षा -1 डिवीजन में मिला दिया गया है, इसलिए इसे आंतरिक सुरक्षा -1 डिवीजन के रूप में जाना जाएगा। गृह मंत्रालय ने संयुक्त सचिव (महिला सुरक्षा) पुण्य सलिला श्रीवास्तव को उनकी वर्तमान जिम्मेदारी के साथ आंतरिक सुरक्षा -1 डिवीजन का भी प्रभार दिया है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.