Move to Jagran APP

साल 2014 से लेकर 2019 तक पड़ोसी देशों के कुल 18,999 लोगों को दी गई भारत की नागरिकता : सरकार

Indian Citizenship केंद्र सरकार ने राज्‍य सभा में बताया है कि साल 2014 से लेकर 2019 तक पड़ोसी देशों के कुल 18999 लोगों को भारत की नागरिकता दी गई है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Wed, 04 Mar 2020 05:06 PM (IST)Updated: Wed, 04 Mar 2020 06:52 PM (IST)
साल 2014 से लेकर 2019 तक पड़ोसी देशों के कुल 18,999 लोगों को दी गई भारत की नागरिकता : सरकार
साल 2014 से लेकर 2019 तक पड़ोसी देशों के कुल 18,999 लोगों को दी गई भारत की नागरिकता : सरकार

नई दिल्‍ली, एएनआइ। सरकार ने राज्‍य सभा में एक सवाल के लिखित जवाब में बताया है कि साल 2014 से लेकर 2019 तक पड़ोसी देशों के कुल 18,999 लोगों को भारत की नागरिकता दी गई है। केंद्रीय गृह राज्‍य मंत्री नित्‍यानंद राय ने राज्‍य सभा में बताया कि साल 2014 में अफगानिस्‍तान के 249, बांग्‍लादेश के 24, पाकिस्‍तान के 267, श्रीलंका के चार लोगों को नागरिकता दी गई। साल 2015 में सबसे ज्‍यादा 15,394 लोगों को भारत की नागरिकता दी गई। इस साल अफगानिस्‍तान के 234, पाकिस्‍तान के 263, श्रीलंका के 17 और बांग्‍लादेश के रिकॉर्ड 14,880 लोगों को नागरिकता दी गई। 

loksabha election banner

राज्‍य सभा में सरकार की ओर से रखे गए आंकड़ों के मुताबिक, वर्ष 2016 में अफगानिस्‍तान के 244, बांग्‍लादेश के 39, पाकिस्‍तान के 476, श्रीलंका के 34 और म्‍यांमार के एक शख्‍स को नागरिकता दी गई। गौर करने वाली बात यह है कि 2014, 2015, 2016, 2018 और 2019 में म्‍यांमार के किसी भी व्‍यक्ति को नागरिकता नहीं दी गई। साल 2018 में कुल 511 विदेशियों को नागरिकता दी गई जिनमें अफगानिस्‍तान के 30, बांग्‍लादेश के 19, पाकिस्‍तान के 450 और श्रीलंका के 12 लोग शामिल थे। 

केंद्रीय गृह राज्‍यमंत्री नित्‍यानंद राय (Nityanand Rai) ने बताया कि प‍िछले साल यानी वर्ष 2019 में पड़ोसी मुल्‍कों के कुल 885 लोगों को भारत की नागरिकता दी गई। इनमें अफगानिस्‍तान के 40, बांग्‍लादेश के 25, पाकिस्‍तान के 809 और श्रीलंका के 11 लोग शामिल थे। गौरतलब है कि सरकार की ओर से यह जानकारी ऐसे वक्‍त में साझा की गई है जब संशोधित नागरिकता कानून (Citizenship Amendment Act 2019) को लेकर विपक्षी दल सरकार को घेरने में जुटे हुए हैं। यही नहीं राष्‍ट्रीय राजधानी में इस कानून के विरोध के नाम पर उपद्रवों में कई लोगों की मौतें भी हो चुकी हैं। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.