देवरिया, मुजफ्फरपुर कांड के बाद केंद्र सरकार अलर्ट, बाल गृहों के सोशल ऑडिट का आदेश
महिला और बाल विकास मंत्रालय ने अगले 60 दिनों में पूरे देश में 9,000 से अधिक बाल देखभाल संस्थानों का ऑडिट कराने का आदेश दिया है।
नई दिल्ली (पीटीआइ)। बिहार के मुजफ्फरनगर और उत्तर प्रदेश के देवरिया कांड में बालिका गृहों में बच्चियों से दुष्कर्म और यौन शोषण की घटनाएं सामने आने के बाद महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने अगले 60 दिनों में देश भर में 9 हजार से अधिक बाल गृहों का सोशल ऑडिट कराने का आदेश दिया है। केंद्रीय मंत्रालय ने बच्चों के अधिकार का संरक्षण करने वाले राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग को यह ऑडिट कराने की जिम्मेदारी सौंपी है। साथ ही उससे यह रिपोर्ट दो माह में तलब की है।
इन बाल गृहों को संचालित करने वाले गैर सरकारी संगठनों की पृष्ठभूमि को जांचने के साथ ही यहां रह रहे बच्चों के हालात की भी समीक्षा होगी। देश में कुल 9,462 बाल गृह हैं। इनमें से 7,109 बाल गृह का सरकार ने पंजीकरण किया हुआ है। इन बाल गृहों को चलाने का अधिकांश खर्च सरकार उठाती है। हालांकि इन बाल और बालिका गृहों को संचालित करने का खर्च सरकार उठाती है। लेकिन फिर भी राज्य सरकारें इन संस्थानों को चलाने का काम गैर सरकारी संगठनों को सौंप देती हैं।
एकल और व्यापक आश्रय स्थल बनाएं
मेनका महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने राज्यों से अपील की है कि वह बच्चों के लिए एकल और व्यापक आश्रय स्थल की व्यवस्था करें ताकि उन्हें गैर सरकारी संगठनों के दुराचारों और दुरुपयोग से बचाया जा सके। उन्होंने सुझाव दिया कि राज्य में एक बड़े आश्रय स्थल से बच्चों से किए जा रहे गैर सरकारी संगठनों के दुराचार और दुर्व्यवहार को रोका जा सकता है। जबकि इन शेल्टर होम को चलाने के लिए राज्य सरकारें ही रकम देती हैं। एक ही आश्रय स्थल में बच्चों के गोद लेने की प्रक्रिया और उनके लिए स्किल डेवलेपमेंट प्रोग्राम भी सरलता से चलाए जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि इन शेल्टर होम को चलाने वाले एनजीओ को बेघर और जरूरतमंद महिलाओं और बच्चों को अस्थायी रूप से भी शरण देनी चाहिए।
शेल्टरों के निर्माण के लिए निर्भया फंड का इस्तेमाल होगा
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उनके मंत्रालय को खुशी होगी अगर प्रत्येक राज्य की राजधानी में एकल और केंद्रीय सुविधाओं वाले आश्रय स्थल को बनाया जाए और इसके निर्माण के लिए निर्भया फंड से धन मुहैया कराया जाएगा। उसके बाद उस शेल्टर होम को राज्य सरकार के सुपुर्द कर दिया जाएगा।
शेल्टर होम के निरीक्षण के लिए सांसदों को लिखी थी चिट्ठी
मेनका गांधी ने कहा कि पिछले दो सालों से वह सांसदों को लिखती आ रही हैं कि वह अपने क्षेत्र के शेल्टर होम्स का निरीक्षण करें। उन्होंने बताया कि उनके पास इन शेल्टर होम के एनजीओ की ऑडिट रिपोर्ट भी है। लेकिन इनमें कुछ भी आपत्तिजनक नहीं पाया गया था। इसलिए यह साफ है कि यह रिपोर्ट कामचलाऊ तरीके से बनाई गई है। हालांकि गांधी ने अगस्त, 2017 में लिखे पत्र में कहा था कि इन गृहों में कई अनियमितताएं पाई गई हैं।
मुजफ्फरपुर शेल्टर हाउस मामला
बिहार के मुजफ्फरपुर स्थित बालिका गृह में हुए यौन उत्पीड़न मामले में कई हैरान कर देने वाले खुलासे हो रहे हैं। फिलहाल इस मामले की जांच सीबीआइ कर रही है। इस शेल्टर हाउस में कुल 42 बच्चियां रहती थीं, जिनसे से 34 बच्चियों के साथ दुष्कर्म की पुष्टि हुई है। इस मामले का मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर फिलहाल पुलिस कस्टडी में है।
देवरिया मामला
मुजफ्फरपुर की तरह यूपी के देवरिया में भी शेल्टर हाउस में बच्चियों के साथ यौन शोषण का मामला सामने आया है। जिसके बाद से यूपी और बिहार की राजनीति उफान पर है। विपक्षी दल हमलावर है। देवरिया नारी संरक्षण केंद्र में यौन शोषण का मामला मंगलवार को संसद के दोनों सदनों में गूंजा।