राज्यपाल ने किया खंडन, कहा- राजीव के हत्यारों को रिहा करने की सिफारिश नहीं भेजी
तमिलनाडु मंत्रिमंडल ने नौ सितंबर को राजीव गांधी हत्या मामले के सात दोषियों को रिहा करने की सिफारिश की थी। सभी सात दोषी 1991 से जेल में बंद हैं।
चेन्नई, प्रेट्र। तमिलनाडु के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने मीडिया में आई पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या मामले के दोषियों को रिहा करने से संबंधित खबरों का खंडन किया है। मीडिया में शनिवार को आई खबरों में कहा गया है कि राज्य सरकार ने मामले के सभी सात दोषियों को रिहा करने की सिफारिश केंद्र को भेज दी है। राज्यपाल ने कहा कि इस मुद्दे पर संविधान के मुताबिक फैसला लिया जाएगा।
राजभवन ने कहा, संविधान के मुताबिक फैसला लिया जाएगा
राजभवन से जारी बयान में कहा गया है, 'मीडिया में खबर दी गई है कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या मामले में संलिप्तता के लिए उम्रकैद की सजा भुगत रहे दोषियों को रिहा करने का मामला गृह मंत्रालय को भेजा गया है।' कुछ टीवी चैनल भी इस मुद्दे पर बहस कर रहे हैं।
राजभवन ने कहा है, 'यह स्पष्ट है कि इस मामले में गृह मंत्रालय को कोई सिफारिश नहीं भेजी गई है। यह मामला जटिल है और इसमें कानूनी, प्रशासनिक और संवैधानिक मुद्दे की परीक्षा करना शामिल है।'
राजभवन ने उल्लेख किया है कि मामले से संबंधित रिकार्ड का पुलिंदा राज्य सरकार से मिला है। इससे संबंधित अदालत का फैसला 14 सितंबर को मिला है। प्रक्रिया में कागजातों को देखा जाएगा। जरूरत पड़ी तो उचित परामर्श लेने के बाद संविधान के अनुसार फैसला लिया जाएगा।
तमिलनाडु मंत्रिमंडल ने नौ सितंबर को राजीव गांधी हत्या मामले के सात दोषियों को रिहा करने की सिफारिश की थी। सभी सात दोषी 1991 से जेल में बंद हैं।
ये सात हैं दोषी
राजीव गांधी की 21 मई 1991 को तमिलनाडु के श्रीपेरुंबदूर में आत्मघाती हमले में मौत हो गई थी। हमलावर की पहचान धनु के रूप में हुई थी। धमाके में धनु समेत 14 लोगों की मौत हुई थी। इस हत्याकांड के सातों दोषी पेरारिवलन, मुरुगन, शंतन, रॉबर्ट पायस, नलिनी, जय कुमार और रविचंद्रन जेल में हैं।
तमिल संगठन ने किया दावा
तमिल संगठन ने शुक्रवार को दावा किया कि राज्यपाल पुरोहित ने अपनी सिफारिश और राय केंद्र को भेज दी है। तामिझगा वाझवुरिमाई काची ने इसके खिलाफ 26 सितंबर को विरोध प्रदर्शन करने की घोषणा की है।