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पानी से जुड़ी योजनाओं की निगरानी खुद कर रही है केंद्र सरकार, अधिकारियों को सौंपी गई जिम्मेदारी

केंद्र सरकार के अधिकारियों को अलग-अलग जिलों की जिम्मेदारी सौंपी गई है जो उन जिलों का दौरा कर जमीनी हकीकत का ब्यौरा केंद्र सरकार को सौंपते हैं।

By Manish PandeyEdited By: Published: Wed, 02 Oct 2019 10:50 PM (IST)Updated: Wed, 02 Oct 2019 10:50 PM (IST)
पानी से जुड़ी योजनाओं की निगरानी खुद कर रही है केंद्र सरकार, अधिकारियों को सौंपी गई जिम्मेदारी
पानी से जुड़ी योजनाओं की निगरानी खुद कर रही है केंद्र सरकार, अधिकारियों को सौंपी गई जिम्मेदारी

नई दिल्ली, नीलू रंजन। केंद्र सरकार देश में पानी की किल्लत को दूर करने की योजनाओं को सिर्फ राज्यों के भरोसे छोड़ने के लिए तैयार नहीं है, बल्कि इन योजनाओं के क्रियान्वयन की निगरानी खुद कर रही है। इसके लिए केंद्र सरकार के अधिकारियों को अलग-अलग जिलों की जिम्मेदारी सौंपी गई है, जो उन जिलों का दौरा कर जमीनी हकीकत का ब्यौरा केंद्र सरकार को सौंपते हैं।

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उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार पानी की किल्लत से निपटने और उसके लिए योजनाएं तैयार करने की जिम्मेदारी भले ही जल शक्ति मंत्रालय को सौंपी गई हो, लेकिन इन योजनाओं के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी पूरी तरह से राज्य सरकारों के अधीन है। केंद्रीय योजनाओं के क्रियान्वयन में राज्यों के पुराने रिकार्ड को देखते हुए केंद्र सरकार ने इसकी मानिटरिंग का फैसला किया है। लेकिन पूरे देश में कुल 700 से अधिक जिलों में निगरानी का काम सिर्फ जलशक्ति मंत्रालय के अधीन नहीं छोड़ा जा सकता था। इसलिए इस काम में केंद्र सरकार के सभी विभागों के अधिकारियों को जोड़ने का फैसला लिया गया। इसके तहत अधिकारियों को अलग-अलग जिलों की जिम्मेदारी बांट दी गई। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि कई अधिकारी अपने-अपने जिलों का दौरा कर भी चुके हैं और अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप रहे हैं।

सभी जिलों से अलग-अलग अधिकारियों को जिम्मेदारी

अधिकारियों को सिर्फ केंद्रीय योजनाओं की समीक्षा और निगरानी की जिम्मेदारी नहीं दी गई है। बल्कि उन्हें उक्त जिले में पानी की समस्या की सही तस्वीर और उसे दुरुस्त करने के लिए उठाए जाने के लिए स्थानीय स्तर से मिले सुझावों के बारे में बताने को भी कहा गया है। अधिकारियों को यह देखने का निर्देश दिया गया है कि जिले में पानी के कितने और किस-किस प्रकार के स्त्रोत हैं, उनकी मौजूदा स्थिति क्या हैं और उन्हें कैसे पुनर्जीवित किया जा सकता है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि देश के हर जिले में पानी की समस्या का स्वरूप अलग-अलग है और उनके लिए केंद्रीकृत योजना बनाने से काम नहीं चलेगा। इसी कारण सभी जिलों से अलग-अलग रिपोर्ट जुटाई जा रही है।

हर घर को नल से जल पहुंचाने की योजना

बिहार में एक जिले का दौरा करने वाले वित्तमंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि उन्होंने जिला स्तर से लेकर ब्लाक स्तर पर अधिकारियों के साथ बैठक कर पानी से संबंधित सभी योजनाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा की। यदि मनरेगा के तहत किसी जिले में पानी के संबंधित कोई काम हुआ था, तो उसका भी निरीक्षण किया। इसी तरह हर घर को नल से जल पहुंचाने की महात्वाकांक्षी योजना के क्रियान्वयन की वास्तविक स्थिति को देखा।


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