लोगों को परेशान करने वाले 58 और पुराने कानून होंगे खत्म, सरकार ने सदन में पेश किया विधेयक
सदन में कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि कई कानून लोगों के लिए असुविधा के कारण बने हुए हैं। 1458 पुराने कानून को निष्प्रभावी करने के बाद 58 कानूनों को समाप्त करने जा रही है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। सरकार लोगों को परेशान करने वाले और 58 पुराने कानूनों को समाप्त करने जा रही है। लोकसभा में गुरुवार को इन कानूनों को समाप्त करने के लिए विधेयक पेश किया। विधेयक पेश करते हुए कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि ये कानून लोगों के लिए असुविधा के कारण बने हुए हैं। विपक्षी सदस्यों ने सरकार पर जल्दबाजी करने का आरोप लगाया। विपक्ष ने कहा कि सरकार सांसदों को विषय पर चर्चा के लिए पर्याप्त समय दिए बगैर विधेयक पेश कर रही है।
प्रसाद ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार 1,458 पुराने कानून को निष्प्रभावी कर चुकी है। उसी प्रयास के तहत अब 58 और को समाप्त करने जा रही है। उन्होंने विपक्ष के इस दावे को भी खारिज किया कि सदस्यों को विधेयक का अध्ययन करने के लिए पर्याप्त समय नहीं दिया जा रहा है।
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कानून मंत्री ने कहा कि दो दिनों का नोटिस दिया गया था। सदस्य इस पर चर्चा कर सकते हैं क्योंकि यह अभी पेश किया गया है। केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि कार्यमंत्रणा समिति में विधेयक पर पर्याप्त रूप से चर्चा की जा चुकी है। इसमें सभी बड़ी पार्टियों के सदस्य मौजूद थे।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि अगल सत्र से वह यह सुनिश्चित करने का प्रयास करेंगे कि विधेयक पेश होने से पहले उसका अध्ययन करने के लिए सदस्यों को दो दिनों का समय मिले। उन्होंने कहा कि ब्रिटिश काल के कानून समाप्त किए जाने चाहिए और उसकी जगह नए कानून लागू होने चाहिए।
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कुछ सदस्यों ने कहा कि भारतीय दंड संहिता भी ब्रिटिश कालीन है। सत्ताधारी और विपक्षी सदस्यों के बीच हो रही बहस में बीजद के भर्तुहरी महताब सरकार के बचाव में आए। उन्होंने कहा कि कार्यमंत्रणा समिति में तय एजेंडा ठहर गया है। पिछली सरकार द्वारा पूरक एजेंडे के तहत सदस्यों के बीच विधेयक वितरित किया गया था। अभी तक कुछ भी नहीं हो पाया है। कांग्रेस के शशि थरूर ने कहा कि वह विधेयक के विरोध में नहीं हैं लेकिन ऐसा लगता है कि सरकार जल्दबाजी में है।