नागरिकता संशोधन बिल में कुछ बदलाव कर सकती है सरकार, जानें क्या होंगे बदलाव
नागरिकता संशोधन बिल को लेकर विरोध को देखते हुए सरकार इसमें कुछ बदलाव कर सकती है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। नागरिकता संशोधन बिल को लेकर विरोध को देखते हुए सरकार इसमें कुछ बदलाव कर सकती है। इसमें 'अवैध घुसपैठिए' टर्म को परिभाषित करने समेत कुछ नए प्रावधान जोड़े जा सकते हैं। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी।
पूर्वोत्तर के राज्यों में भारी विरोध
नागरिकता संशोधन बिल, 2018 पिछली लोकसभा में पास हुआ था, लेकिन राज्यसभा में पारित नहीं हो सका था। लोकसभा में पारित होने के बाद इसका पूर्वोत्तर के राज्यों में भारी विरोध हुआ था। पिछली लोकसभा का कार्यकाल पूरा होने के साथ ही यह बिल भी खत्म हो गया था। अब सरकार एक बार फिर इसे संसद के शीतकालीन सत्र में पेश करने की तैयारी में है।
मसौदे पर चल रहा काम
इस बिल के जरिए नागरिकता विधेयक, 1955 में संशोधन किया जाना है, ताकि बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से धार्मिक उत्पीड़न के चलते भारत आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदाय के लोगों को बिना पर्याप्त दस्तावेज के भी भारतीय नागरिकता मिल सके। भाजपा ने 2014 और 2019 के चुनाव में इसको लेकर चुनावी वादा भी किया था।
अवैध घुसपैठियों की होगी स्पष्ट व्याख्या
इस मामले से जुड़े एक अधिकारी ने कहा कि बिल के नए मसौदे में कुछ बदलाव होंगे। मसौदे पर काम चल रहा है। विधेयक के मसौदे में किए जाने वाले बदलावों में अवैध घुसपैठियों की स्पष्ट व्याख्या शामिल है। नए बिल में यह स्पष्ट रूप से बताया जाएगा कि कौन अवैध घुसपैठिए हैं और कौन धार्मिक उत्पीड़न के चलते पड़ोसी देशों से भागकर आए शरणार्थी।
अधिकारी ने बताया कि हाल में ही में ब्रिटेन में पैदा हुए लेखक द्वारा दोहरी नागरिकता (ओसीआइ) कार्ड के उल्लंघन का मामला सामने आया था। इसलिए सरकार इस तरह के मामलों को रोकने और उसे सही करने के लिए भी नए मसौदे में प्रावधान जोड़ सकती है। एक अन्य अधिकारी ने बताया कि सभी हितधारकों से जल्द ही बातचीत शुरू की जाएगी।