आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सहयोग बढ़ाएंगे भारत और जर्मनी, कई समझौतों को मंजूरी
Agreements Signed Between Germany And India जर्मन चांसलर एंजिला मर्केल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ द्विपक्षीय वार्ता की। इस दौरान दोनों देशों के बीच कई समझौते हुए।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। Agreements Signed Between Germany And India यूरोपीय देशों के साथ अपने रिश्तों को नया आयाम देने में जुटे भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि फ्रांस और जर्मनी उसकी भावी रणनीति में सबसे अहमियत रखेंगे। शुक्रवार को पीएम नरेंद्र मोदी और चांसलर एंजेला मर्केल के बीच हुई शीर्ष स्तरीय वार्ता और आधिकारिक स्तर वार्ता के दौरान रिश्तों को जिस तरह से व्यापक बनाने पर चर्चा हुई है भारत की रणनीति को बताता है।
पांच संयुक्त आशय घोषणा पत्रों और 11 समझौतों पर हस्ताक्षर
भारतीय कूटनीति के लिए अच्छी बात यह है कि जर्मनी ने भी स्पष्ट कर दिया है कि उसकी एशिया नीति में भारत सर्वाधिक महत्वपूर्ण कड़ी होगा। दोनो देशों के बीच आज पांच संयुक्त आशय घोषणा पत्रों और 11 समझौतों पर हस्ताक्षर हुए हैं। अत्याधुनिक आर्टिफिसियल इंटेलीजेंस व आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई से लेकर रक्षा उपकरणों को साझा तौर पर तैयार करने संबंधी मुद्दों पर सहमति बनी है।
यूरोप में अभी तक ब्रिटेन ही भारत का सबसे अहम साझेदार रहा है लेकिन कई वजहों से भारत व ब्रिटेन के रिश्तों के स्थायित्व को लेकर सवाल उठते रहे हैं। हाल ही में यूरोपीय संघ से ब्रिटेन के बाहर निकलने का फैसला भी एक वजह है। ऐसे में भारत ने यूरोपीय क्षेत्र में नए मजबूत व स्थाई साझेदार की तलाश में है। फ्रांस काफी हद तक एक पक्के साझेदार के तौर पर अपनी स्थिति जमा चुका है। भारत की मंशा है कि फ्रांस के अलावा यूरोपीय संघ के सबसे मजबूत देश जर्मनी के साथ भी स्थाई साझेदारी बने।
अत्याधुनिक तकनीकी हस्तांतरण पर सबसे ज्यादा बात
नई दिल्ली आने से पहले जर्मनी के विदेश मंत्री हीको मास ने भारत को एशिया में सबसे प्राकृतिक सहयोगी के तौर पर चिन्हित कर यह साफ कर दिया है कि उनके देश की सोच भी अलग नहीं है। मोदी और मर्केल के बीच हुई वार्ता और अधिकारिक स्तर वार्ता में भी यही सहमति बनती दिखी है।भारत जानता है कि अत्याधुनिक तकनीकी में जर्मनी दुनिया का अव्वल देश है। यही वजह है कि मोदी व मर्केल की वार्ता में अत्याधुनिक तकनीकी हस्तांतरण पर सबसे ज्यादा बात हुई है। द्विपक्षीय घोषणा पत्र में भी यही बात सामने आती है। इसमें कहा गया है कि आर्टिफिसिएल इंटेलीजेंस (आइए) और डिजीटल पार्टनरशिप में साझेदारी इस तरह से आगे बढ़ाई जाएगी कि एक दूसरे को तकनीकी उपलब्ध कराने का काम आसान हो सके। पर्यावरण, परिवहन और कृषि में आइए के उपयोग के लिए साथ साथ शोध किया जाएगा। हेल्थ सेक्टर में आइए के इस्तेमाल पर खास तौर पर काम किया जाएगा।
आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने वाले संगठनों पर लगाम लगाने की गुजारिश
संयुक्त घोषणा में आतंकवाद के खिलाफ साथ साथ काम करने की सहमति जताने के साथ ही दूसरे देशों में आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने वाले संगठनों पर लगाम लगाने की गुजारिश सभी देशों से की गई है। सीमा पार आतंकियों को लगाम लगाने की बात कही गई है और इसका महत्व इसलिए है कि जर्मनी यूरोप के उन गिने चुने देशों में से है जिसका रिश्ता पाकिस्तान के साथ भी ठीक ठाक बना हुआ है। पीएम मोदी ने अपनी तरफ से जर्मनी की रक्षा कंपनियों को उत्तर प्रदेश व तमिलनाडु में स्थापित किये जा रहे डिफेंस कारीडोर में अपनी इकाई स्थापित करने के लिए आमंत्रित किया। रक्षा से जुड़े तमाम क्षेत्रों व नौ सेना में भी सहयोग बढ़ाया जाएगा।
मुक्त व्यापार समझौतों को लेकर भी हुई बात
दोनो नेताओं के बीच भारत व यूरोपीय संघ के बीच होने वाले मुक्त व्यापार समझौतों को लेकर भी बात हुई है। दोनो पक्षों का मानना है कि इस पर जल्द से जल्द आधिकारिक वार्ता शुरु होनी चाहिए। पांच संयुक्त आशय घोषणा पत्र में एक विदेश मंत्रालय से जु़ड़ा है जिसका मतलब यह है कि वर्ष 2020 से 2024 के बीच परस्पर सहयोग का संयुक्त एजेंडा बनाया जाएगा। इस तरह से रेलवे जैसे रणनीतिक परियोजनाओं, शहरों में हरित परिवहन व्यवस्था, आर्टिफिसिएल इंटेलीजेंस व समुद्री प्रदूषण रोकने के लिए दूसरे संयुक्त आशय पत्र हैं।
दोनों देशों के बीच हुए अहम समझौते
1. स्मार्ट सिटीज नेटवर्क स्थापित करने के लिए
2. स्टार्ट अप को मिलने वाली आर्थिक मदद मजबूत बनाने के लिए
3. संयुक्त तौर पर कृषि बाजार स्थापित करने में करेंगे मदद
4. विज्ञान व तकनीकी सहयोग बढ़ाने के लिए
5. भारत में फुटबाल को विकसित करने के लिए
6. आयुर्वेद व योगा में जर्मनी को भारत देगा मदद