Bharat bandh tomorrow : कल दूध व सब्जियों की सप्लाई बंद, बैंकों की भी हड़ताल
Bharat bandh 8 जनवरी को भारत बंद रहेगा देशभर के किसान ने किया आंदोलन का एेलान बैंक संगठनों ने भी हड़ताल की घोषणा। ओडिशा सरकार ने स्कूल कॉलेज बंद रखने के आदेश दिये हैं।
भुवनेश्वर, जेएनएन। केन्द्रीय श्रमिक संगठन संयुक्त मंच की तरफ से 8 जनवरी को बुलाए गए भारत बंद को सफल बनाने के लिए कांग्रेस ने अपना पूर्ण समर्थन देने का ऐलान किया है, वहीं सत्ताधारी पार्टी बीजू जनता दल से भी बंद को अनौपचारिक समर्थन मिलने की जानकारी मंच की तरफ से दी गई है। पूरी तरह से कर्ज माफ न होने के कारण देश भर के किसानों ने भी आंदोलन का ऐलान किया है। पूरे देश में दूध व सब्जियों की सप्लाई बंद रहेगी। इस देशव्यापी हड़ताल में ट्रेड यूनियनों सीटू, इंटक, एटक, टीयूसीसी, एसइडब्ल्यूए, एआईसीसीटीयू, एचएमएस, एआइयूटीयूसी, एलपीएफ, यूटीयूसी सहित विभिन्न संघ और फेडरेशन शामिल रहेंगे। 8 जनवरी 2020 को देश के अलग-अलग बैंक संगठनों ने भी हड़ताल की घोषणा की है।
बंद के मद्देनजर ओडिशा सरकार ने बुधवार को स्कूल और कॉलेजों में अवकाश की घोषणा कर दी है। राज्य शिक्षा विभाग की तरफ से प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बुधवार को शिक्षण संस्थान बंद रखने की जानकारी दे दी गई है।गौरतलब है केंद्रीय श्रम संगठनों आठ जनवरी को देशभर में हड़ताल करेंगे। केंद्रीय ट्रेड यूनियन ये हड़ताल केंद्र सरकार की श्रमिक विरोधी नीतियों के विरोध में कर रहे है।
मिली जानकारी के मुताबिक 12 सूत्री मांग को लेकर आईएनटीयूसी, एआईटीयूसी, एचएमएस, सीआईटीयू, एआईसीसीटीयू, एलपीएफ, यूटीयूसी आदि संगठन की तरफ से बुधवार को यह देशव्यापी बंद का आह्वान किया गया है। सीआईटीयू के भुवनेश्वर अध्यक्ष नवकिशोर महांती ने कहा है कि बंद को सफल बनाने के लिए पूरा प्रयास किया गया है। राज्य सरकार से भी बंद का समर्थन करने के लिए हमने अनुरोध किया है। सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक यह बंद पालन किया जाएगा। आवश्यकीय सेवा को छोड़कर परिवहन सेवा को पूरी तरह से ठप कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस बंद में आल ओडि़शा ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन, ट्रक महासंघ, ओडि़शा आटो महासंघ भी शामिल हैं।
मंच की मांग इस प्रकार है
केन्द्रीय श्रमिक संगठन संयुक्त मंच की तरफ से केन्द्र सरकार की श्रमिक विरोधी नीति, जन विरोधी नीति तथा राष्ट्र विरोधी नीति के खिलाफ यह बंद बुलाया गया है। केन्द्र श्रम मंत्रालय श्रमिकों की मांग को पूरा करने में विफल हुआ है। श्रमिकों की समस्या के समाधान करने की दिशा में जुलाई 2015 से अभी तक भारतीय श्रमिक सम्मेलन तकनहीं बुलाया गया है। बीपीसीएल को बेचने, बीएसएनएल एवं एमटीएनएल को मिलाने के निर्णय से 94 हजार कर्मचारियों की नियुक्ति जाने की सम्भावना है। इसके अलावा बैंकों के मिश्रण जैसे केन्द्र सरकार के निर्णय के प्रतिवाद में यूनियन ने यह बंद बुलाया है।