दिग्विजय ने कहा- सिख तीर्थयात्रियों की तुलना क्या तब्लीगी मरकज से होना चाहिए
जनपद कोर्ट और हाई कोर्ट ने माल्या की दलीलों को सिरे से खारिज किया है। ब्रिटिश सरकार भी माल्या के प्रत्यर्पण पर आदेश जारी कर चुकी है।
भोपाल, स्टेट ब्यूरो। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने सिख तीर्थयात्रियों की तब्लीगी मरकज से तुलना करने का सवाल उठाया है। उन्होंने पिछले दिनों हुजूर साहिब से लौटने वाले सिख तीर्थयात्रियों की वजह से पंजाब में कोरोना वायरस संक्रमण फैलने की खबरों को लेकर ट्वीट किया है। इन खबरों के आधार पर दिग्विजय सिंह ने सवाल किया है कि क्या तबलीगी मरकज से इन तीर्थयात्रियों की तुलना होना चाहिए। गौरतलब है कि दिग्विजय सिंह की छवि मुस्लिम परस्त मानी जाती है और इस तरह के बयानों से वे सुर्खियों में बने रहते हैं।
देश में सर्वाधिक मृत्यु दर अब मप्र की
कोरोना से बुरी तरह प्रभावित मप्र ने एक ऐसा अनचाहा रिकॉर्ड बना लिया है, जिस पर कोई प्रदेश नहीं पहुंचना चाहेगा। पूरे भारत में सर्वाधिक मृत्यु दर अब मप्र में हो गई है। यहां हर 100 कोरोना पॉजिटिव मरीजों में से लगभग 6 (5.6) मरीजों की मौत हो रही है। चिंता की बात यह है कि हफ्ते भर से प्रदेश में लगातार मृत्यु दर में बढ़ोतरी हो रही है। कुछ दिन पहले तक महाराष्ट्र मृत्यु दर के मामले में पहले नंबर पर था।
मृतक संख्या के मामले में गुजरात और महाराष्ट्र मध्य प्रदेश से आगे
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा चार मई तक के जारी आंकड़ों में मप्र में मृत्यु दर सबसे अधिक होने का तथ्य सामने आया है। हालांकि कुल मृतक संख्या के मामले में गुजरात और महाराष्ट्र मध्य प्रदेश से आगे हैं, लेकिन वहां मरीजों की संख्या भी कहीं ज्यादा है।
एक्सरे व नेबुलाइजर भी नहीं
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक डायग्नोसिस में देरी और प्राथमिक स्तर पर जांच व इलाज की पर्याप्त सुविधाएं नहीं होने और मरीजों के देर से अस्पताल पहुंचने की वजह से मौत का प्रतिशत ज्यादा है। छोटे अस्पताल में सांस की तकलीफ वाले मरीजों के इलाज के नेबुलाइजर तक नहीं मिलता। बीमारी की शुरआती अवस्था में एक्सरे तक नहीं कराया जाता।
गुजरात दूसरे नंबर पर
मप्र के बाद सबसे ज्यादा मौत की दर (5.3 फीसद गुजरात की है। 4.22 फीसद मृत्यु दर के साथ महाराष्ट्र तीसरे नंबर पर है।