उमा भारती ने कहा-दिग्विजयनाथ ने संत और सिपाही दोनो रूप में काम किया Gorakhpur News
संत हमेशा बालक होते हैं और ये समझने के लिए महंत अवेद्यनाथ को समझना होगा। दिग्विजयनाथ ने संत और सिपाही दोनो रूप में काम किया।
गोरखपुर, जेएनएन। पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने कहा कि दिवंगत महंत दिग्विजय नाथ और महंत अवेद्यनाथ, दोनो महापुरुषों की तपस्या का फल योगी आदित्यनाथ के रूप में हम देख रहे हैं। संत हमेशा बालक होते हैं और ये समझने के लिए महंत अवेद्यनाथ को समझना होगा। दिग्विजयनाथ ने संत और सिपाही दोनो रूप में काम किया। उमा भारती यहां गोरखनाथ मंदिर में महंत दिग्विजय नाथ की पुण्यतिथि पर आयोजित श्रद्धांजलि समारोह को संबोधित कर रहीं थीं।उन्होंने कहा कि ईश्वर की आराधना के साथ देश की रक्षा का भी काम इन संतों ने किया है। योगी आदित्यनाथ के सीएम बनने के बाद लगा कि गोरखधूनी की ज्वाला का अंश सामने आया है।
मोह-माया से मुक्त हैं योगी
उन्होंने कहा कि योगी जी बार बार नोएडा गए और कुर्सी उनके हाथ से नही गयी, दूसरो की चली गई। उत्तर प्रदेश में एक ऐसा व्यक्ति चाहिए था जो जातिवाद, परिवारवाद व मोह से मुक्त हो। ऐसा व्यक्ति सिर्फ योगी आदित्यनाथ ही हो सकते थे। यूपी बहुत भाग्यशाली है कि आज यूपी की रक्षा के लिए गोरक्षधाम से ऐसे व्यक्ति का उदय हुआ है। अच्छा शासक बनने के लिए जो दृढ़ता कठोरता और निर्मलता की जरूरत होती है वो संतों में होती है। आज पूरी दुनिया मे मोदीजी की जयजयकार हो रही है और कैलाश में तपस्या करने वाले साधुओं का उनपर आशीर्वाद रहा है। मोदी और योगी से पहले भी लोग इन पदों पर रहे हैं, जैसे ऊंचाई पर गिद्ध और हंस दोनो पहुंचते है पर उनकी नजर क्रमशः सड़े मांस और मोती पर होती है। इन दोनों लोगों ने देश और प्रदेश को उचाइयों पर पहुचाया।
नाथ पंथ में महिलाओं को आगे बढ़ने का अवसर
नाथ पंथ ने महिलाओं को आगे बढ़ने का अवसर यहां प्रदान किया गया है, इस परम्परा में महिलाओं का सम्मान ज्यादा है।