पूर्व उपमुख्यमंत्री अजीत पवार होंगे महाराष्ट्र के नए नेता प्रतिपक्ष
पिछली सरकार में नेता प्रतिपक्ष का पद कांग्रेस के पास था। इस बार राकांपा के 54 और कांग्रेस के 44 विधायक चुनकर आए हैं।
मुंबई [ ओमप्रकाश तिवारी ]। शरद पवार के गढ़ बारामती से छठवीं बार विधायक चुनकर आए उनके भतीजे एवं राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री अजीत पवार को बुधवार को राकांपा विधायक दल का नेता चुन लिया गया। इसके साथ ही यह भी तय हो गया कि अजीत पवार ही इस बार सदन में नेता प्रतिपक्ष की भूमिका निभाएंगे।
पिछली सरकार में नेता प्रतिपक्ष का पद कांग्रेस के पास था
पिछली सरकार में नेता प्रतिपक्ष का पद कांग्रेस के पास था। क्योंकि उसके 41 एवं राकांपा के 40 विधायक चुनकर आए थे। इस बार राकांपा के 54 और कांग्रेस के 44 विधायक चुनकर आए हैं। इसलिए नेता प्रतिपक्ष का पद राकांपा के खाते में जाएगा। राकांपा विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद ही अजीत पवार ने अपनी पार्टी के विधायकों को संबोधित करते हुए संकेत दे दिए है कि वह कृषि संकट और बेरोजगारी के मुद्दे पर सरकार को घेरने में कोई कसर नहीं रखेंगे।
पाटिल नेता ने प्रतिपक्ष के पद पर रहते हुए फड़नवीस सरकार के मित्र की भूमिका निभाई
बता दें पिछली सरकार में नेता प्रतिपक्ष की भूमिका निभाते रहे कांग्रेस नेता राधाकृष्ण विखे पाटिल लोकसभा चुनाव के तुरंत बाद ही कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे। यहां तक कि उनके कांग्रेस में रहते हुए ही उनके पुत्र डॉ. सुजय पाटिल अहमदनगर सीट से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़े और जीते भी। इसलिए पाटिल पर यह आरोप लगता है कि वह नेता प्रतिपक्ष के पद पर रहते हुए फड़नवीस सरकार के मित्र की भूमिका निभाते रहे।
पाटिल को फड़नवीस सरकार में कैबिनेट मंत्री बना दिया गया था
विधानसभा चुनाव से कुछ माह पहले कांग्रेस छोड़कर भाजपा में जाते ही उन्हें फड़नवीस सरकार में कैबिनेट मंत्री बना दिया गया था। माना जा रहा था कि उनके भाजपा में शामिल होने से उनके गृह जनपद अहमदनगर की सभी 12 सीटें भाजपा-शिवसेना के खाते में आ जाएंगी, लेकिन ऐसा नहीं हो सका।
अहमदनगर से राकांपा को छह सीटें मिलीं
राकांपा के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल ने बुधवार को विधायक दल के नेता के रूप में अजीत पवार के नाम का प्रस्ताव करने से पहले अहमदनगर का विशेष उल्लेख करते हुए कहा कि जहां उनकी पार्टी का सूपड़ा साफ होने की बात की जा रही थी, वहां उसे छह सीटें हासिल हुई हैं।
धनंजय मुंडे ने हराया था भाजपा नेत्री पंकजा मुंडे को
बता दें कि 2014 में भी विधानसभा में राकांपा विधायक दल के नेता अजीत पवार ही थे। यह कयास भी लगाया जा रहा था कि राकांपा इस बार अजीत पवार के बजाय भाजपा नेत्री पंकजा मुंडे को हराकर आए उनके चचेरे भाई धनंजय मुंडे को विधायक दल का नेता चुन सकती है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। धनंजय मुंडे अब तक विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी निभाते आ रहे थे। विधानसभा सदस्य चुने जाने के बाद उन्हें वह पद भी छोड़ना पड़ेगा।