छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की स्थिति गंभीर, सिंगापुर के चिकित्सक से इलाज में ली मदद
अजीत जोगी के मस्तिष्क को जागृत करने के लिए टीसीडी और वीएनएस तकनीक भी अपनाई गई लेकिन किसी तरह का सुधार नजर नहीं आया।
रायपुर, जेएनएन। पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की स्थिति अभी भी चिंताजनक बनी हुई है। भर्ती होने के आठवें दिन भी उनके स्वास्थ्य में किसी तरह का सुधार नहीं देखा गया है। श्री नारायणा अस्पताल के मैनेजिंग डायरेक्टर सुनील खेमका ने बताया कि शनिवार को चिकित्सकों की टीम सिंगापुर के नेशनल युनिवर्सिटी अस्पताल के न्यूरोलॉजी विभाग प्रमुख डॉ. विजय कुमार शर्मा से टेली कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जोगी के स्वास्थ्य को लेकर विस्तार से चर्चा की।
इसमें जोगी के सपोर्टिव ट्रीटमेंट को जारी रखने की बात कही गई। यदि मस्तिष्क के ब्रेन स्टेम में कुछ अर्थपूर्ण गतिविधि देखने को मिलती है तो आगे प्रोटोकॉल के आधार पर ट्रीटमेंट दिया जाएगा। खेमका ने बताया कि शाम को उनके मस्तिष्क को जागृत करने के लिए टीसीडी और वीएनएस तकनीक भी अपनाई गई, लेकिन किसी तरह का सुधार नजर नहीं आया। बता दें कि नौ मई को दिल का दौरा पड़ने के बाद जोगी को भर्ती कराया गया।
डॉक्टरों की टीम ने दी थी म्यूजिक थेरेपी
तो वहीं, इसके पहले इलाज कर रही डॉक्टरों की टीम उन्हें होश में लाने के लिए दवाओं के साथ म्यूजिक थेरेपी भी दे थी। जोगी को उनके पसंदीदा फिल्मी गीत 'पर्वतों से आज मैं टकरा गया, तूने दी आवाज लो मैं आ गया' और राज्य गीत 'अरपा पैरी के धार ' को सुनाया गया था। चिकित्सकों की टीम को लीड कर रहे श्रीनारायण अस्पताल के डॉ. पंकज उमर ने बताया कि म्यूजिक थेरेपी मस्तिष्क की सोई हुई सेल को जगाने के लिए अपनाई जाती है। थेरेपी मस्तिष्क के सेल को सिग्नल भेजती है, ताकि मस्तिष्क में गतिविधियां बढ़ सके और मरीज होश में आ जाए।
डॉ. उमर ने कहा था कि पूर्व सीएम जोगी कोमा में तो हैं, लेकिन जांच में पाया गया कि उनके मस्तिष्क में अधिक नुकसान नहीं हुआ है। ऐसे में म्यूजिक थेरेपी देने पर विचार किया गया। देश-दुनिया के कई शोध सामने आए हैं, जिसमें मरीज के पसंद के गीत, मंत्र या भजन सुनाए जाते हैं तो उसके होश में आने की उम्मीद रहती है। डॉ. उमर ने कहा कि इस थेरेपी में सात से 14 दिनों में रिजल्ट आता है। इसलिए वर्तमान में कुछ कह पाना संभव नहीं है।