ब्रिटेन में 'निर्वासित मणिपुर सरकार' के गठन से मची सियासी खलबली, राज्य के खिलाफ युद्ध छेड़ने का केस दर्ज
इस पूरे मामले में मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने कहा कि जानकारी इकट्ठा करने के बाद मामला राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंप दिया जाएगा क्योंकि वे अन्य देशों से काम कर रहे हैं।
इंफाल, एएनआइ। मणिपुर के दो असंतुष्ट नेताओं ने मंगलवार को ब्रिटेन में निर्वासित मणिपुर सरकार की शुरुआत की घोषणा कर सियासी खलबची मचा दी है। इस मामले पर मणिपुर के सीएम एन बीरेन सिंह ने कहा कि सरकार ने इसे बहुत गंभीरता से लिया है और राज्य के खिलाफ युद्ध छेड़ने का मामला दर्ज किया है। मामले को तत्काल जांच के लिए स्पेशल क्राइम ब्रांच को सौंप दिया गया है।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जानकारी इकट्ठा करने के बाद मामला राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंप दिया जाएगा, क्योंकि वे अन्य देशों से काम कर रहे हैं।
संजाओबा ने कहा मैं इसकी कड़ी निंदा करता हूं
वहीं, मणिपुर के राजा लेशेम्बा संजाओबा ने कहा कि मैं इसकी कड़ी निंदा करता हूं। ये बहुत हैरान करने वाला है कि उन्होंने मेरा नाम इसमें घसीटा। इससे समाज में नकारात्मकता फैलेगी। अलगाववादियों ने दावा किया कि उनके भारत सरकार के साथ जुड़ने के प्रयासों को घृणा और शत्रुता के साथ जवाब मिला और आरोप लगाया कि उच्चतम न्यायालय में असाधारण हत्या के 1528 से अधिक मामले लंबित हैं।
बता दें कि राजा लेशेम्बा सनाजाओबा का प्रतिनिधित्व करने का दावा करते हुए मणिपुर के दो असंतुष्ट नेताओं ने मंगलवार को ब्रिटेन में निर्वासित में मणिपुर सरकार की शुरुआत की घोषणा की थी। यहां पत्रकारों से बात करते हुए याम्बेन बिरेन ने मणिपुर स्टेट काउंसिल का मुख्यमंत्री और नरेंगबाम समरजीत ने मणिपुर स्टेट काउंसिल का रक्षा और विदेश मंत्री होने का दावा किया था।
उन्होंने कहा था कि वे मणिपुर के महाराज की ओर से बोल रहे हैं और औपचारिक तौर पर निर्वासन में मणिपुर स्टेट काउंसिल की सरकार शुरु कर रहे हैं। हालांकि, इस पर भारतीय उच्चायोग से कोई टिप्पणी नहीं आई है।
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