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जानिए, इस्‍लामाबाद में भारतीय अफसरों की गिरफ्तारी में पाकिस्‍तानी खुफिया एजेंसी ISI ने कैसे रची साजिश

पाकिस्तानी मीडिया ने दावा किया है कि इन भारतीय अफसरों को इस्लामाबाद पुलिस ने हिट एंड रन मामले में गिरफ्तार किया है

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Mon, 15 Jun 2020 04:53 PM (IST)Updated: Tue, 16 Jun 2020 02:00 AM (IST)
जानिए, इस्‍लामाबाद में भारतीय अफसरों की गिरफ्तारी में पाकिस्‍तानी खुफिया एजेंसी ISI ने कैसे रची साजिश
जानिए, इस्‍लामाबाद में भारतीय अफसरों की गिरफ्तारी में पाकिस्‍तानी खुफिया एजेंसी ISI ने कैसे रची साजिश

नई दिल्‍ली/ इस्‍लामाबाद, एजेंसियां। भारत सरकार का दबाव आखिरकार रंग लाया और सोमवार को इस्‍लामाबाद में गिरफ्तार किए गए दोनों भारतीय अफसरों को छोड़ दिया गया। दोनों अफसर दूतावास लौट आए हैं।

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जिस दिन राष्ट्रीय राजधानी के प्रसिद्ध करोलबाग मार्केट में पाकिस्तान उच्चायोग के दो अधिकारियों को जासूसी करते रंगे हाथ पकड़ा गया था, तभी से इस बात की आशंका हो गई थी कि पाकिस्तान सरकार और खुफिया एजेंसी आइएसआई कुछ न कुछ उल्टा काम करेगी।

बताया जाता है कि भारतीय अफसरों की गिरफ्तारी पाकिस्‍तान की खुफिया एजेंसी आइएसआई की साजिश का नतीजा है। रविवार सुबह ऐसी खबर आई थी कि इस्लामाबाद में तैनात दो भारतीय राजनयिकों का अपहरण कर लिया गया है। अब पाकिस्तानी मीडिया ने दावा किया है कि इन भारतीय अफसरों को इस्लामाबाद पुलिस ने हिट एंड रन मामले में गिरफ्तार किया है। दोनों अफसरों  को बाद में रिहा कर दिया गया।  

भारत ने इस्लामाबाद में तैनात भारतीय उच्चायोग के दो कर्मचारियों की गिरफ्तारी को लेकर कड़ा ऐतराज जताते हुए पाकिस्‍तान को आपत्ति पत्र जारी किया था। सूत्रों के अनुसार, विदेश मंत्रालय ने भारतीय दूतावास के अधिकारियों की गिरफ्तारी की खबर पर आपत्ति जताई थी। दोनों अधिकारियों से किसी तरह की पूछताछ या परेशान नहीं करना सुनिश्चित करने को कहा गया। दोनों अधिकारियों की सुरक्षा की जिम्मेदारी पाकिस्तनी प्रशासन की है। उन्हें कार समेत रिहा करने को कहा गया। इससे पहले भी भारतीय अफसरों को इस्‍लामाबाद में प्रताड़ित किया गया। उनके वाहनों का पीछा किया गया।  

पाकिस्‍तान के जियो टीवी के अनुसार, भारतीय दूतावास के पास की सड़क पर भारतीय राजनयिकों की बीएमडब्लू कार से एक पाकिस्तानी नागरिक दुर्घटना का शिकार हुआ था लेकिन दोनों भारतीय अफसरों ने वहां से भागने की कोशिश की। इसके बाद इस्लामाबाद पुलिस ने नियम कानूनों को ताक पर रखते हुए भारतीय राजनयिकों को कथित तौर पर गिरफ्तार कर लिया। ज्ञात हो कि अंतराष्‍ट्रीय संबंधों के कानूनों के अनुसार कोई भी देश दूसरे देश के राजनयिक को गिरफ्तार नहीं कर सकती। इसके साथ ही यह भी नियम है कि गिरफ्तारी संबंधी किसी भी मामले में सबसे पहले संबंधित दूतावास को बताना जरुरी होता है।

सूत्रों के अनुसार ये दोनों अधिकारी सीआईएसएफ के हैं और सुबह करीब 8.30 बजे ड्राइवर ड्यूटी पर बाहर गए थे। बताया जा रहा है कि भारत ने अफसरों के गिरफ्तारी के मुद्दे को पाकिस्‍तान सरकार से उठाया है। 

पाकिस्‍तानी जासूसों की गिरफ्तारी के बाद इस्लामाबाद में काम कर रहे भारतीय राजनयिकों और दूसरे स्टाफ के लिए हालात मुश्किल हो गए हैं। वहां के हालात और खतरनाक होने की आशंका है। ऐसी आशंका जताई जा रही है कि पाकिस्‍तान की खुफिया एजेंसी आइएसआई जल्‍द ही इन भारतीय अफसरों के खिलाफ बड़ा आरोप लगा सकती है।

भारत में अपने अफसरों के जासूसी में पकड़े जाने से पाकिस्‍तान अब वहां काम कर रहे भारतीयों को फंसाने की फिराक में है। इस्‍लामाबाद में भारत के उच्चायोग के लिए सामान्य तरीके से काम करना दूभर होता जा रहा है। भारतीय राजनयिकों पर नजर रखी जा रही है और छिप-छिपकर पीछा किया जा रहा है।  इसे लेकर भारत ने पाकिस्तान के पास शिकायत दर्ज कराई है।

भारतीय बताकर करते थे यहां की जासूसी

गौरतलब है कि दिल्ली स्थित पाकिस्तान उच्‍चायोग के दो अफसरों आबिद हुसैन और ताहिर हुसैन को 31 मई को जासूसी करते रंगे हांथों पकड़ा गया था। ये दोनों वीजा सेक्शन में काम करते थे। सूत्रों के मुताबिक इन दोनों को एक भारतीय से संवेदनशील दस्तावेज हासिल करते हुए पकड़ा गया था। बताया जाता है कि दोनों खुफिया एजेंसी आईएसआइ के लिए काम करते थे। ये  पाकिस्‍तानी अफसर राजधानी की सड़कों पर खुलेआम घूमते थे और जासूसी करते थे, लेकिन फर्जी आईडी बनाकर दिल्‍ली खुद को भारतीय बताते थे। उनके पकड़े जाने के 24 घंटे बाद दोनों पाकिस्तान लौट गए थे।


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